India News,(इंडिया न्यूज),Russia: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध कब खत्म होगा इस बात से सभी लोग अंजान है। अपने वर्चस्व की इस लड़ाई में दोनो देशों का बराबर का नुकसान हुआ है इसके बावजूद दोनों देशों मेसे कोई पिछे हटने का नाम नहीं ले रहे है। जिसके बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अधिकारियों से कहा कि, वे विदेशी शब्दों, विदेशी निर्मित कारों और एपल उपकरणों सहित पश्चिमी तकनीक का इस्तेमाल न करें।
मिली जानकारी के अनुसार एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके अधिकारी पुतिन की आज्ञा पालन नहीं कर रहे हैं। वहीं, रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव को इस हफ्ते एक कार्यक्रम में विदेशी निर्मित वाहनों के काफिले में पहुंचते देखा गया था, वह खुद एक लक्जरी मर्सिडीज का उपयोग कर रहे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसी यह अकेली घटना नहीं है।
विदेशी कार और एप्पल का उपयोग बंद करना रूस के सामने चुनौती
जानकारी के लिए बता दें कि, एक रूसी विश्लेषक ओलेग इग्नाटोव ने बताया कि, विदेशी कारों और एपल सामानों का उपयोग बंद करने के आदेश को लागू करना मुश्किल होगा, क्योंकि बाजार में आपके पास बहुत सारे विकल्प नहीं हैं। बहुत सारी विदेशी कंपनियाँ, पश्चिमी विदेशी कंपनियाँ और कोरियाई विदेशी कंपनियाँ, उन्होंने रूसी बाजार छोड़ दिया है। आगे बोले कि यदि आप एक सस्ती कार खरीदना चाहते थे, तो आप एक कोरियाई कार खरीदेंगे, लेकिन अब यह संभव नहीं है क्यों वह रूसी बाजार छोड़ चुकी हैं और इसलिए, मुख्य कारें रूसी बाजार में अभी चीनी हैं। समस्या यह है कि वे पर्याप्त कारों का उत्पादन नहीं करते हैं।
आगे बतातें हुए इग्नाटोव ने कहा कि, अधिकारियों को आमतौर पर एक विशेष मानक वाली बिजनेस-क्लास कारों की कारों की आवश्यकता होती है। रूस में लगभग कोई भी इस तरह की कारों का उत्पादन नहीं करता है। फिलहाल रूस में इनके अलावा कारें ढूंढना संभव नहीं है। आगे बोले कि देर-सवेर, सरकार रूस में चीनी कारों या शायद ईरानी कारों के उत्पादन का स्थानीयकरण करेगी।
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