India News (इंडिया न्यूज), Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के युद्ध में लगातार लोगों की जान जानें की खबर आ रही है। इस बीच नेपाली युवा भी रूसी सेना में शामिल हो गए हैं। लेकिन जारी युद्ध में नेपालियों की मौत की भी खबरें भी सामने आई हैं। इसको लेकर ताजा मामला आ रहा है जिसमे यूक्रेनी सेना से लड़ते हुए एक-दो नहीं बल्कि 16 नेपालियों की जान चली गई है। अब तक रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे गए नेपाली युवाओं की संख्या 33 हो गई है। दरअसल, नेपाल सरकार ने भारतीय सेना में गोरखाओं की भर्ती पर रोक लगा दी है। इसलिए ये युवा रूस में जाकर वहां की सेना में शामिल हो रहे हैं। 16 नेपालियों की मौत के साथ यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस के बाहर किसी भी देश के लोगों की मौत की यह सबसे अधिक संख्या है।
नेपालियों की मौत के बाद एक्शन में सरकार
नेपालियों की मौत के बाद नेपाल सरकार तुरंत ही एक्शन में आ गई है। नेपाल सरकार ने रूस से अपने सैनिक वापस बुलाने का अनुरोध किया है। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है। इस बयान में कहा गया है कि मारे गए नेपालियों के परिवार के सदस्यों के डीएनए नमूने एकत्र किए जा रहे हैं। इन नमूनों को पहचान के लिए रूस भेजा जाएगा।
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नेपाल के विदेश मंत्रालय ने कहा..
मामले के बाद नेपाली विदेश मंत्रालय इसको लेकर स्पष्ट किया है कि वह अपने नागरिकों को केवल उन्हीं विदेशी सेनाओं में भर्ती की अनुमति देता है जिनके साथ उसने द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। सरकार ने पहले दो अलग-अलग नोटिस जारी कर अपने नागरिकों से कहा था कि, वे वाणिज्य दूतावास मामलों के विभाग से ‘अनापत्ति’ पत्र प्राप्त किए बिना रूस का दौरा न करें। 200 से अधिक परिवारों ने रूसी सेना में सेवारत अपने रिश्तेदारों की सुरक्षा के लिए कांसुलर विभाग में शिकायत दर्ज कराई है।
बता दें कि, रूसी सेना में सेवारत नेपाली नागरिकों के परिवारों की ओर से एक अभियान का नेतृत्व करने वाली कीर्ति भंडारी ने हाल ही में अपने एक पोस्ट में कहा था कि 620 से अधिक नेपाली रूसी सेना में सेवारत हैं। अब तक 116 नेपाली घायल हैं, 274 लापता हैं।
नेपाल ने मुआवजा का किया मांग
नेपाली विदेश मंत्रालय के अनुसार, नेपाली उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री काजी श्रेष्ठ ने रूसी सेना में काम कर रहे नेपाली युवाओं के मुद्दे पर रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से बात की है। मारे गए नेपालियों की स्वदेश वापसी में तेजी लाने, मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने और रूस में सेवारत सैनिकों की वापसी की सुविधा प्रदान करने का अनुरोध किया।
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