India News (इंडिया न्यूज), Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध की आग और भी भड़कती जा रही है। रूस और यूक्रेन अब जमकर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। एक तरफ यूक्रेन तेजी से रूस में प्रवेश कर रहा है, तो दूसरी तरफ पुतिन बमबारी कर रहे हैं। कोई नहीं जानता कि यह तबाही कब खत्म होगी। हालांकि भारत रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को खत्म करने की कोशिशों में लगा हुआ है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने भी भारत की भावनाओं को दोहराया है। जेलेंस्की ने कहा कि रूस के साथ युद्ध बातचीत के जरिए ही खत्म होगा। लेकिन इसके लिए यूक्रेन को मजबूत स्थिति में होना जरूरी है। वह पुतिन की शर्तों पर युद्ध विराम नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास शांति की योजना है। जेलेंस्की ने कहा कि वह इस योजना को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके दो संभावित उत्तराधिकारियों जैसे कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के सामने रखेंगे। आपको बता दें कि भारत भी कहता रहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध का अंत बातचीत के जरिए ही संभव है।
रॉयटर्स के मुताबिक, जेलेंस्की ने मंगलवार को रूस-यूक्रेन युद्ध पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि रूस के कुर्स्क क्षेत्र में तीन सप्ताह पहले शुरू हुई यूक्रेनी सेना की कार्रवाई इसी योजना का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि इस योजना में आर्थिक और कूटनीतिक मोर्चे पर कई कदम उठाए जाने हैं। उन्होंने कहा, ‘इस योजना का मुख्य उद्देश्य रूस को युद्ध समाप्त करने के लिए मजबूर करना है। और मैं चाहता हूं कि ऐसा हो, जो यूक्रेन के लिए उचित हो।’ बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 से युद्ध चल रहा है।
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हालांकि, उन्होंने अपनी योजना के बारे में विस्तार से नहीं बताया, लेकिन इतना जरूर कहा कि वह डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और संभवतः रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप से इस योजना पर चर्चा करेंगे। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इन दोनों के बीच कांटे की टक्कर है। जेलेंस्की ने आगे कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह सितंबर में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने के लिए अमेरिका जाएंगे। इस दौरान उनकी मुलाकात बाइडेन से होगी। यहीं पर वह बाइडेन, कमला और डोनाल्ड ट्रंप से अपनी योजना साझा करेंगे।
ज़ेलेंस्की के इस बयान से संकेत मिलता है कि, यूक्रेन अंतरराष्ट्रीय शांति शिखर सम्मेलन को बातचीत के लिए संभावित मंच के रूप में देखता है। यूक्रेन चाहता है कि भविष्य में होने वाले शांति शिखर सम्मेलन में रूस भी हिस्सा ले। आपको बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर पहला शांति शिखर सम्मेलन जून में स्विट्जरलैंड में हुआ था। इसमें रूस शामिल नहीं था, जबकि भारत समेत करीब 90 देशों ने हिस्सा लिया था। चीन और पाकिस्तान ने भी इस शांति शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया था।
यूद्द को लेकर रूस का कहना है कि अब बातचीत का सवाल ही नहीं उठता। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने 19 अगस्त को कहा था कि यूक्रेन द्वारा 6 अगस्त को रूस के कुर्स्क क्षेत्र में सीमा पार से बड़ा हमला करने के बाद बातचीत का सवाल ही नहीं उठता। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले हफ्ते कीव के दौरे पर थे। उन्होंने मंगलवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की और उनसे कहा कि वह यूक्रेन संघर्ष के जल्द और शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं।
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