Russia using ‘Z’ Symbol against Ukraine
इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के साथ ‘Z’ प्रतीक भी जुड़ा हुआ है. एक ऐसा अक्षर जो ‘Cyrillic Russian Alphabet’ में मौजूद नहीं है। यूक्रेन की न्यूज एजेंसी ‘Ukrinform’ ने यह दावा किया है कि अब रूसी सैन्य अभियानों का प्रतीक ‘Z’ अचानक से रूसी सैनिकों द्वारा मिटा दिया जा रहा है। इसी न्यूज एजेंसी के दावे में ये भी बताया गया है कि रूसी सेना अपने सैन्य हार्डवेयर से ‘Z’ अक्षर को हटा रही है और जापोरिजिया (Zaporizhzhia) क्षेत्र में उकसावे की तैयारी में यूक्रेनी झंडे लगा रही है।
कहीं कोई चाल तो नहीं चल रहे रूसी सैनिक?
वहीं न्यूज एजेंसी का ये भी दवा है कि रूस द्वारा प्रतीक को मिटाना और दुश्मन के झंडों को खड़ा करना, जापोरिजिया के नागरिकों द्वारा पहचाने जाने के डर से किया गया एक प्रयास हो सकता है। साथ ही यूक्रेनी सैनिकों और स्वयंसेवी बलों द्वारा जांच को रोकने के लिए छल करने का एक प्रयास भी हो सकता है। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की बात करें तो रूसियों ने पूर्वी यूक्रेन क्षेत्र में अपना अभियान तेज कर दिया है।
यूक्रेनी मीडिया के मुताबिक रूसी सैनिक मिसाइल हथियारों से जापोरिजिया क्षेत्र में सैन्य और नागरिक बुनियादी ढांचे पर धमाका कर रहे हैं। वहीं रिपोर्ट के अनुसार ‘जापोरिजिया क्षेत्र की बस्ती में रूस को सैन्य उपकरणों से ‘Z’ अक्षर को मिटाते हुए और यूक्रेनी झंडे स्थापित करते हुए देखा गया था।
क्या है रुसी सेना के लिए ‘Z’ सिंबल के मायने?
आपको बता दें कि आक्रमण शुरू होने के बाद से रूसी सशस्त्र वाहन जिन पर ‘Z’ लिखा हुआ है। उन्हें कीव और अन्य शहरों में घूमते देखा गया है। वहीं रूसी सैन्य वाहनों पर ‘Z’ प्रतीक चिन्ह के दो अर्थ होने का अनुमान लगाया जा रहा है. एक संभावित अर्थ ‘Za pobedu’ जिसका अर्थ ‘Victory’ हो सकता है।
इसके अलावा दूसरा शब्द ‘Zapad’ जिसका अर्थ ‘पश्चिम’ हो सकता है। Z को रूस की सेना के लिए अपने पड़ोसी, बलों को पहचानने, दोस्ताना आग जैसी घटनाओं को रोकने के लिए एक तंत्र भी माना जाता है। कुछ मीडिया साइट्स का ये भी दवा है कि Z यूक्रेन पर हमला करने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा दिए गए सिंबल में से एक है।
कब देखा गया था ‘Z’ सिंबल?
कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 22 फरवरी को डोनेट्स्क (Donetsk) क्षेत्र में प्रवेश करते ही ‘Z’ सिंबल पहली बार रूसी लड़ाकू वाहनों पर देखा गया था। हालांकि कुछ अन्य रिपोर्ट्स के मुताबिक ये सिंबल रूस द्वारा Peninsula पर कब्जा करने के बाद ‘Z’ सिंबल पहली बार 2014 में क्रीमिया में लड़ाकू वाहनों पर दिखाई दिया था।
इस बारे में यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव ने पहले भी कहा थे कि ‘Z’ सिंबल नाजी चिह्न जैसा दिखता है। उन्होंने यह भी तर्क दिया था कि 1943 में साक्सेनहौसेन एकाग्रता शिविर के पास एक ‘जेड’ स्टेशन था, जहां लोगों की सामूहिक हत्या की गई थी।
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