संबंधित खबरें
ICC के फैसले का नहीं पढ़ रहा नेतन्याहू पर असर, लेबनान में लगातार बह रहा मासूमों का खून…ताजा हमलें में गई जान बचाने वालों की जान
पीएम जस्टिन ट्रूडो को आई अकल, भारतीयों के सामने झुकी कनाडा की सरकार…एक दिन बाद ही वापस लिया ये फैसला
जहां पर भी फटेगा परमाणु बम…तबाह हो जाएगा सबकुछ, यहां जाने उस विनाश और उसके प्रभाव के बारे में
अगर दोस्त पुतिन ने फोड़ा परमाणु बम…तो भारत पर क्या होगा असर? मिट जाएगा इन देशों का नामो-निशान
भारत के नेताओं की स्कीमें कॉपी कर रहे 'दुश्मन' Trudeau, पापों का पश्चाताप करने को निकाली नई योजना? आंखें फाड़े रह गई जनता
वाकई फटने वाला है परमाणु बम? अचानक गायब हुए Putin, लीक हो गया 12 दिनों का सच…ताकतवर देशों के माथे पर पसीना
India News (इंडिया न्यूज़),Alexei Navalny: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे मुखर आलोचकों में से एक, विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी का निधन हो गया है। नवलनी आतंकवाद के आरोप में 19 साल की सज़ा काट रहे थे और उन्हें ‘आर्कटिक सर्कल’ के ऊपर एक जेल कॉलोनी में रखा गया था। अमेरिकी विदेश विभाग ने हाल ही में नवलनी से जुड़ी रिपोर्ट सामने आने पर यह जानकारी दी थी, लेकिन पुतिन के इस प्रतिद्वंद्वी की अचानक मौत की जानकारी शुक्रवार को सामने आई।
नवलनी को पुतिन का कट्टर विरोधी माना जाता है और उन्होंने भ्रष्टाचार से लड़ने और लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किया है। 1976 में जन्मे नवलनी ने कानून की पढ़ाई की और खुद को एक सफल वकील के रूप में स्थापित किया, लेकिन 2008 में उन्होंने सरकारी कंपनियों के घोटालों को उजागर करने वाला एक ब्लॉग लिखा। इस एक ब्लॉग की बदौलत उनकी लोकप्रियता कई गुना बढ़ गई। इसके अलावा सरकार में कई नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस्तीफा देना पड़ा।
2011 में सरकार के खिलाफ ब्लॉग लिखने और रूसी संसद ड्यूमा के बाहर सरकार विरोधी रैली आयोजित करने का नवलनी को भारी खामियाजा भुगतना पड़ा था। घोटालों के खिलाफ लगातार आवाज उठाने के कारण उन्हें 2011 में पहली बार गिरफ्तार किया गया और 15 दिनों की सजा सुनाई गई। हालांकि, उन्होंने सरकार के खिलाफ अपनी मुहिम नहीं छोड़ी और सोशल मीडिया का भी सहारा लिया।
2012 में पुतिन सत्ता में लौटे और एक बार फिर राष्ट्रपति बने। इसके बाद 2013 में नवलनी ने मॉस्को के मेयर का चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें पुतिन समर्थक सर्गेई सोबयानिन के हाथों हार का सामना करना पड़ा। हालाँकि, वह सरकार विरोधी माहौल बनाने में सफल रहे। जिसके चलते उन्हें सरकारी मीडिया में दिखाने पर रोक लगा दी गई थी।
भले ही नवलनी की आवाज को दबाने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया की मदद से लोगों तक अपनी बात पहुंचाई और वे रुके नहीं…
नवलनी के खिलाफ आपराधिक मामलों की जांच के लिए गठित समिति ने उन्हें किरोव शहर में कथित आगजनी के लिए दोषी ठहराया था और पांच साल जेल की सजा सुनाई थी। वहीं, पुष्टि न होने पर हाई कोर्ट ने सजा निलंबित कर दी थी। दरअसल, नवलनी के खिलाफ कमेटी का गठन किसी और ने नहीं बल्कि खुद पुतिन ने किया था। हालांकि, बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट और फिर किरोव कोर्ट तक पहुंच गया।
एलेक्सी नवलनी ने कथित सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ फरवरी 2017 में कई प्रमुख शहरों में रैलियां आयोजित कीं। यह पुतिन को नागवार गुजरा और उन्होंने नवलनी समेत एक हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करवा दिया। ऐसे कई मौके आए जब नवलनी को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, अप्रैल 2017 में एक रैली के दौरान नवलनी पर हमला हुआ था। इस हमले में उनकी आंख का कॉर्निया क्षतिग्रस्त हो गया था और सरकार उन्हें देश से बाहर इलाज कराने की इजाजत नहीं दे रही थी, लेकिन मानवाधिकार परिषद के हस्तक्षेप के बाद उन्हें स्पेन जाने की इजाजत मिल गई।
नवलनी को 2020 में एक विमान यात्रा के दौरान जहर दिया गया था। पश्चिमी देशों ने इस हमले के पीछे रूस का हाथ होने की आशंका जताई थी। हालाँकि जर्मनी में उनका इलाज हुआ और उनकी जान बच गई, लेकिन रूस लौटने के बाद नवलनी को वापस जेल भेज दिया गया। नवलनी की जेल की सज़ा बढ़ाकर 19 साल कर दी गई।
ये भी पढ़ेंः-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.