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India News (इंडिया न्यूज), Sheikh Hasina Extradition: बांग्लादेश अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की योजना की घोषणा की है। जो इस साल अगस्त में अपनी अवामी लीग सरकार के अपदस्थ होने के बाद भारत भाग गई थीं। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख यूनुस ने अपने प्रशासन के 100वें दिन के अवसर पर दिन में पहले एक टेलीविज़न संबोधन के दौरान यह बयान दिया। यूनुस ने घोषणा की है कि हम जुलाई-अगस्त क्रांति के दौरान हुई हर हत्या के लिए न्याय सुनिश्चित करेंगे। जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा चलाने के प्रयास अच्छी तरह से आगे बढ़ रहे हैं, और हम हसीना को जवाबदेह ठहराने के लिए भारत से उनकी वापसी की मांग करेंगे।
बता दें कि, भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन द्वारा कोटा सुधार अभियान से उत्पन्न बड़े पैमाने पर विद्रोह के सामने शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार को 5 अगस्त को गिरा दिया गया था। तीन दिन बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में पदभार संभाला था। यूनुस की हालिया टिप्पणी उनकी अंतरिम सरकार द्वारा यह कहे जाने के एक सप्ताह बाद आई है कि वह अपदस्थ प्रधानमंत्री और अन्य ‘भगोड़ों’ को भारत से वापस लाने में इंटरपोल की सहायता मांगेगी, ताकि मानवता के खिलाफ कथित अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जा सके। दरअसल, वर्तमान सरकार ने हसीना और उनकी पार्टी के नेताओं पर भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के क्रूर दमन का आदेश देने का आरोप लगाया है।
बता दें कि, छात्रों के नेतृत्व वाले प्रदर्शनों के रूप में शुरू हुआ यह आंदोलन बाद में एक राष्ट्रव्यापी विद्रोह में बदल गया। जिसकी वजह से हसीना को गुप्त रूप से देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी। अंतरिम सरकार के अनुसार, विरोध प्रदर्शनों के दौरान कम से कम 753 लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हुए, जिसे उसने मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार करार दिया। इसके अलावा हसीना और उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के 60 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
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