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India News (इंडिया न्यूज), US Investment in Bangladesh: बांग्लादेश में अब मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार है। शेख हसीना की सरकार को गए एक महीने से ज्यादा हो गया है। हसीना का भविष्य क्या होगा, यह कोई भी नहीं जानता, लेकिन बांग्लादेश अब धीरे-धीरे उसी दिशा में आगे बढ़ता दिख रहा है, जिसकी आशंका पूर्व पीएम ने जताया था। फिलहाल अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल बांग्लादेश में मौजूद है। यूनुस की सरकार अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को बांग्लादेश की मशहूर हिलसा मछली भरपूर मात्रा में परोस रही है। यह स्वाभाविक भी है क्योंकि नई सरकार के आते ही अमेरिका ने बांग्लादेश में भारी निवेश की इच्छा जताई है।
अमेरिका के इस कदम से मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार बेहद खुश है। वह कह रही है कि यह बांग्लादेश के हित में है। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने बांग्लादेश को उसके आर्थिक विकास में मदद के लिए 202 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त सहायता देने का वादा किया है। ढाका स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा कि वह बांग्लादेश के विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि करीब एक साल पहले तक बांग्लादेश के प्रति अपनी दादागिरी दिखाने वाला अमेरिका अचानक इतना दयालु कैसे हो गया।
सरकार छोड़ने से कुछ महीने पहले ही शेख हसीना ने कहा था कि कुछ गोरे लोग मिलकर उनकी सरकार को उखाड़ फेंकना चाहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने इस देश के लोगों को बांग्लादेश में अपना एयरबेस बनाने की अनुमति नहीं दी। हसीना का इशारा सीधे अमेरिका की तरफ था। अब हसीना सरकार जा चुकी है और अमेरिका फिर से बांग्लादेश की नई सरकार से दोस्ती करने में जुट गया है। ऐसे में यह समझना बहुत मुश्किल नहीं है कि इसके पीछे अमेरिका की मंशा क्या है। अगर हसीना का यह डर सच साबित होता है तो यह भारत के लिए भी अच्छा नहीं होगा। भारत नहीं चाहेगा कि हिंद महासागर में अमेरिकी सुरक्षा बलों की मौजूदगी बढ़े।
शेख हसीना ने अपने बयान में बिना किसी का नाम लिए यह भी कहा था कि अमेरिका बांग्लादेश और म्यांमार दोनों को बांटना चाहता है। उनकी योजना बांग्लादेश और म्यांमार को मिलाकर एक ईसाई देश बनाने की है। अगर हसीना की आशंका सच साबित होती है तो यह मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के लिए खतरे की घंटी है।
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