India News (इंडिया न्यूज), Israel Turkiye Relation: इजरायल ने शनिवार को तुर्किये से अपने राजनयिक कमर्चारियों को वापस अपने देश बुलाने का आदेश दिया है। दरअसल तुर्किये के राष्ट्रपति ने इजरायल की ओर से गाजा पर की जा रही सैन्य कार्रवाई की निंदा की थी। इसी बात से नाराज होकर इजरायल ने तुर्किये से अपने राजनियकों वापस आने का आदेश दिया है। इजरायल के इस निर्णय से दोनों ही देशों के संबंधों को झटका लगा है। दोनों देशों के बीच पिछले साल ही राजदूतों की फिर से नियुक्ति पर सहमति बनी थी।
इजरायल ने एर्दोगन को बताया सांप
बता दें, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन की टिप्पणी की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा कि ‘सांप तो सांप ही रहेगा’। उन्होंने एर्दोगन पर ‘यहूदी विरोधी बने रहने’ का भी आरोप लगाया। एर्दोगन के इस्तांबुल में फिलिस्तीन समर्थक रैली को संबोधित करने के बाद इजरायली राजनयिक एर्दान की यह टिप्पणी सामने आई। इस्तांबुल रैली को इजरायल-हमास जंग के शुरू होने के बाद सबसे बड़ी रैली में से एक माना जा रहा है। इस रैली में एर्दोगन ने इजरायल को ‘युद्ध अपराधी’ और जबरन ‘कब्जा’ करने वाला करार दिया।
इजरायल कब्जा करने वाला देश
रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन ने शनिवार को एक रैली में इजरायल पर हमला बोला। उन्होंने अपने बयान में कहा कि इजरायल कब्जा करने वाला देश है। उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि इजरायल इस जंग में युद्ध अपराधी जैसा व्यवहार कर रहा है।
तेज किए हवाई हमले
इजरायल ने गाजा में अपने हवाई हमलों को तेज कर दिया है। इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलंट ने कहा कि गाजा की जमीन कांप गई। हमारा युद्ध एक नए चरण में पहुंच गया है। इजरायल की सेना ने इस पर कहा कि वह इस क्षेत्र में व्यापक युद्ध अभियान चला रही है। इजरायली सेना ने गाजा में हमास आतंकियों के खात्मे का प्रण लिया है। इजरायली सेना ने शनिवार को कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। इन तस्वीरों में सेना के खुले टैंक गाजा में धीरे-धीरे आगे बढ़ते दिख रहे हैं।
संचार व्यवस्था पूरी तरह ठप
गाजा में संचार के ठप होने का मतलब है कि हमले में मारे जाने और होने वाली जमीनी कार्रवाई की कोई जानकारी नहीं मिल पाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक, इस क्षेत्र में कुछ सैटेलाइट फोन जरूर काम कर रहे हैं। गाजा पहले से ही एक हफ्ते से ज्यादा समय से अंधेरे में डूबा हुआ है। फिलिस्तीनी लोग भोजन, पानी, की समस्या से जूझ रहे हैं।
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