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श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव खत्म होते ही कर्फ्यू घोषित, जानें वोटों की गिनती के दौरान क्यों लिया ये फैसला?

BY: Raunak Pandey • LAST UPDATED : September 22, 2024, 7:43 am IST
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श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव खत्म होते ही कर्फ्यू घोषित, जानें वोटों की गिनती के दौरान क्यों लिया ये फैसला?

Sri Lanka Presidential Elections: श्रीलंका राष्ट्रपति चुनाव

India News (इंडिया न्यूज), Sri Lanka Presidential Elections: श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव समाप्त होने के बाद अचानक कर्फ्यू लगा दिया गया है। इससे पूरे देश में हड़कंप मच गया है। दरअसल, राष्ट्रपति चुनाव के बाद किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर श्रीलंका में शनिवार रात (21 सितंबर 2024) 10 बजे से रविवार (22 सितंबर) सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने गजट जारी कर कर्फ्यू आदेश लागू कर दिया है। वहीं कर्फ्यू की घोषणा ऐसे समय की गई है जब वोटों की गिनती चल रही है। अभी तक पहले नतीजे घोषित नहीं हुए हैं। एक अधिकारी के मुताबिक राष्ट्रपति चुनाव में करीब 75 फीसदी मतदान होने की उम्मीद है।

इस बार कितना हुआ मतदान

बता दें कि, श्रीलंका चुनाव महानिदेशक समन श्री रत्नायका ने घोषणा की है कि राष्ट्रपति चुनाव में 75 प्रतिशत मतदान होने की उम्मीद है। जो नवंबर 2019 में हुए पिछले राष्ट्रपति चुनाव में दर्ज 83 प्रतिशत मतदान से कम होगा। श्रीलंका में 22 चुनावी जिलों में 13,400 से अधिक मतदान केंद्रों पर स्थानीय समयानुसार सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान हुआ। वहीं इस चुनाव में 17 मिलियन से अधिक पंजीकृत मतदाताओं के मतदान करने की उम्मीद थी, जिसमें सबसे अधिक 38 उम्मीदवार मैदान में थे। वर्ष 2022 के आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में यह पहला चुनाव है। इस दौरान सभी 22 चुनावी जिलों में कहीं से भी हिंसा या सुरक्षा भंग की कोई खबर नहीं आई।

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तैनात किए गए विदेशी चुनाव पर्यवेक्षक

बता दें कि, श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए लगभग 8,000 स्थानीय और विदेशी चुनाव पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया था। इनमें यूरोपीय संघ, राष्ट्रमंडल देशों और एशियाई नेटवर्क फॉर फ्री इलेक्शन के 116 अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक और दक्षिण एशियाई देशों के सात पर्यवेक्षक शामिल थे। दरअसल, अग्रणी स्थानीय समूह पीपुल्स एक्शन फॉर फ्री एंड फेयर इलेक्शन (PAFFREL) ने 4,000 स्थानीय पर्यवेक्षकों को तैनात किया था। इस चुनाव को मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के लिए लिटमस टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा है, जिन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का दावा किया है।

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