India News (इंडिया न्यूज), Sri Lankan President: श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने अपनी सरकार की नई विदेश नीति की व्यापक रूपरेखा को रेखांकित करते हुए कहा कि वे भारत और चीन के बीच फंसना नहीं चाहते। द मोनोकल के साथ एक साक्षात्कार में राष्ट्रपति दिसानायके ने कहा कि हम चीन और भारत के बीच में फंसना नहीं चाहते। दोनों देश मूल्यवान मित्र हैं और एनपीपी सरकार के तहत, हम उनसे करीबी साझेदार बनने की उम्मीद करते हैं। दरअसल, 3 सितंबर को द मोनोकल के साथ अपने साक्षात्कार में दिसानायके ने कहा था कि हम यूरोपीय संघ, मध्य पूर्व और अफ्रीका के साथ भी संबंध बनाए रखना चाहते हैं।

दिसानायके की वामपंथी दल को मिला बहुमत

बता दें कि, मार्क्सवादी जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी के व्यापक मोर्चे नेशनल पीपुल्स पावर के नेता दिसानायके ने श्रीलंका के संसदीय चुनावों में समागी जन बालवेगया के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी साजिथ प्रेमदासा को हराया। देश में आर्थिक संकट के बाद 2022 में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों ने गोटाबाया राजपक्षे को सत्ता से बेदखल कर दिया था, जिसके बाद यह पहला चुनाव था। दिसानायके ने 105,264 वरीयताओं के साथ 5.74 मिलियन वोट प्राप्त करके चुनाव जीता। प्रेमदासा को 167,867 वरीयताओं के साथ 4.53 मिलियन वोट मिले।

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देश को आर्थिक संकट से बचाना प्राथमिकता- दिसानायके

श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने अपने साक्षात्कार में कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकताओं में से एक देश को आर्थिक संकट से बचाना होगा। उन्होंने आगे कहा कि मुख्य विपक्ष और सत्तारूढ़ दल दोनों एक ही नवउदारवादी आर्थिक मॉडल का पालन करते हैं। आजदुख की बात है कि हम एक दिवालिया राष्ट्र हैं। हमारे पास 34 बिलियन यूरो का बाहरी कर्ज है, गरीबी बढ़ गई है और आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। हमारी प्राथमिकता देश को इस आर्थिक संकट से बचाना है।

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