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पूर्वजों ने शारीरिक संबंध पर रखा गांव का नाम, अब ग्रामीण हो रहे परेशान, जानिए क्यों नाम सुनते ही हो जाते हैं शर्म से लाल?

BY: Raunak Pandey • LAST UPDATED : November 24, 2024, 1:20 pm IST
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पूर्वजों ने शारीरिक संबंध पर रखा गांव का नाम, अब ग्रामीण हो रहे परेशान, जानिए क्यों नाम सुनते ही हो जाते हैं शर्म से लाल?

Swedish Village: पूर्वजों ने शारीरिक संबंध पर रखा गांव का नाम

India News (इंडिया न्यूज), Swedish Village: आप सभी ने एक कहावत सुना भी होगा और पढ़ा भी होगा कि ‘नाम में क्या रखा है?’ लेकिन अगर नाम ऐसा हो कि उसे बोलने में भी शर्म आए तो उस नाम को बदल देना ही बेहतर है। अब स्वीडन के एक गांव की अजीबोगरीब समस्या को ही देख लीजिए। यहां एक गांव के लोग अपने गांव के नाम को लेकर काफी शर्मिंदगी महसूस करते हैं। उन्हें अपने गांव का नाम किसी को बताने में शर्म आती है। क्योंकि इसका नाम किसी अश्लील चीज से मेल खाता है।

गांव का नाम बोलने में शर्म आती है

बता दें कि, हम यहां जिस गांव की बात कर रहे हैं वो स्वीडन का Fucke गांव है। इस गांव के पहले चार अक्षर अंग्रेजी की गाली जैसे हैं। अगर हिंदी में अनुवाद करें तो इसका मतलब शारीरिक संबंध बनाने जैसा है। गांव वालों का कहना है कि उन्हें इस नाम से बड़ी दिक्कत है। यहां तक ​​कि वो अपने गांव का नाम सोशल मीडिया पर भी नहीं लिख सकते। सोशल मीडिया सेंसरशिप की वजह से उन्हें ये नाम लिखने की इजाजत नहीं है।

वहीं अपने गांव के नाम से परेशान होकर वहां के लोगों ने अभियान शुरू कर दिया है। उन्होंने अपने गांव का नाम बदलकर दलसरो (शांत घाटी) करने की मांग की है। हालांकि गांव का नाम बदला जाएगा या नहीं, इसका फैसला राष्ट्रीय भूमि सर्वेक्षण विभाग करेगा। इससे पहले इस विभाग ने Fjuckby गांव का नाम बदलने की मांग को खारिज कर दिया था। विभाग ने कहा था कि यह ऐतिहासिक नाम है, इसलिए इसे नहीं बदला जा सकता। दरअसल, Fucke नाम भी दशकों पहले दिया गया था। यह भी ऐतिहासिक नाम है। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि विभाग इस गांव का नाम न बदले।

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फेसबुक ने भी किया नाम को खारिज

दरअसल, यहां रहने वाले एक स्थानीय ग्रामीण ने एक स्थानीय टीवी चैनल से अपनी पीड़ा बयां की। उन्होंने बताया कि हमें इस नाम पर बहुत शर्म आती है। सोशल मीडिया सेंसरशिप भी इन नामों को आपत्तिजनक या अश्लील मानती है। फेसबुक एल्गोरिदम हमारे गांव का नाम हटा देता है। ऐसे में हम अपने गांव से जुड़ा कोई भी विज्ञापन इस पर नहीं लगा पाते। अब नेशनल लैंड ट्रस्ट स्वीडन के नेशनल हेरिटेज बोर्ड और भाषा एवं लोकगीत संस्थान से सलाह मशविरा कर इस मामले पर फैसला ले सकता है। आपको बता दें कि Fucke गांव में सिर्फ 11 परिवार रहते हैं।

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