India News, (इंडिया न्यूज), Taiwan’s independence: स्व-शासित द्वीप द्वारा संप्रभुता समर्थक उम्मीदवार विलियम लाई चिंग-ते को राष्ट्रपति चुने जाने के बाद चीन के शीर्ष राजनयिक ने चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि ताइवान की स्वतंत्रता की दिशा में कोई भी कदम उठाने पर “कठोर दंडित” किया जाएगा। चीन विलियम लाई के खिलाफ था। उसके द्वारा बार-बार कहा गया कि वह एक खतरनाक अलगाववादी है, लेकिन ताइवान के मतदाताओं ने सभी आह्वानों को खारिज करते हुए उसे आसान जीत दिलाई।
कठोर दंड दिया जाएगा
बीजिंग दावा करता है कि ताइवान उसका क्षेत्र है और उसने इसे अपने नियंत्रण में लाने के लिए कभी भी बल का प्रयोग नहीं किया है। विलियम लाई की जीत पर चीन ने कहा कि इससे “चीन के पुनर्मिलन की अपरिहार्य प्रवृत्ति” नहीं बदलेगी। वांग यी ने कहा कि “अगर ताइवान द्वीप पर कोई भी स्वतंत्रता के लिए जाने के बारे में सोचता है, तो वे चीन के क्षेत्र को विभाजित करने की कोशिश करेंगे। जिसपर निश्चित रूप से इतिहास और कानून दोनों द्वारा कठोर दंड दिया जाएगा।” चुनाव के नतीजे चाहे जो भी हों, वे इस बुनियादी तथ्य को नहीं बदल सकते कि चीन एक ही है और ताइवान उसका हिस्सा है।”
ताइवान कोई देश नहीं
वांग यी ने जोर देकर कहा कि “ताइवान कभी भी एक देश नहीं रहा है। यह अतीत में नहीं था और यह निश्चित रूप से भविष्य में भी नहीं होगा।” उन्होंने चेतावनी दी, “ताइवान के हमवतन लोगों की भलाई को गंभीर खतरा है। चीनी राष्ट्र के बुनियादी हितों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है। ताइवान जलडमरूमध्य क्षेत्र में शांति और स्थिरता को गंभीर रूप से खतरे में डालता है।”
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