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'जिंदा चीजों पर…', जो नहीं हुआ दुनिया के किसी कोने में, तालिबानी सरकार के इस कदम से भौचक्के रह गए सारे देश

BY: Raunak Pandey • LAST UPDATED : October 15, 2024, 1:45 pm IST
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'जिंदा चीजों पर…', जो नहीं हुआ दुनिया के किसी कोने में, तालिबानी सरकार के इस कदम से भौचक्के रह गए सारे देश

Taliban Bans Media: तालिबानी सरकार के इस कदम से भौचक्के रह गए सारे देश

India News (इंडिया न्यूज), Taliban Bans Media: अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के नैतिकता मंत्रालय ने सोमवार (14 अक्टूबर) को एक नया कानून लागू करने का ऐलान किया। जिसके तहत मीडिया को सभी जीवित चीजों की तस्वीरें प्रकाशित करने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। नए कानून की घोषणा पर पुण्य के प्रचार और दुराचार की रोकथाम मंत्रालय के प्रवक्ता सैफुल्लाह इस्लाम खैबर ने कहा कि इस कानून को धीरे-धीरे पूरे अफगानिस्तान में लागू किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इस कानून के तहत लोगों को बताया जाएगा कि जीवित चीजों की तस्वीरें इस्लामी कानून के खिलाफ हैं। उन्हें इसका पालन करने के लिए मनाने की कोशिश की जाएगी।

अफगान मीडिया पर बैन में क्या-क्या शामिल?

बता दें कि, खैबर ने कहा कि कानून के कार्यान्वयन में जबरदस्ती की कोई जगह नहीं होगी और इसे केवल सलाह के तौर पर पेश किया जाएगा। अफगान मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध में कई चीजें शामिल हैं। जैसे जीवित चीजों की तस्वीरों के प्रकाशन को रोकना। मीडिया आउटलेट्स को इस्लाम का मजाक उड़ाने या अपमान करने से रोकना। इस्लामी कानून का खंडन न करने का आदेश आदि। वहीं इस मामले पर खैबर ने कहा कि इन प्रतिबंधों को अभी सख्ती से लागू नहीं किया गया है, लेकिन कुछ प्रांतों में काम शुरू हो गया है। कंधार, हेलमंद और तखर जैसे प्रांतों में काम शुरू हो चुका है, लेकिन अभी सभी प्रांतों में इसे लागू नहीं किया गया है।

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अफगान मीडिया पर होगा बड़ा असर

तालिबान के सत्ता संभालने के बाद अफगानिस्तान में मीडिया उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पहले जहां करीब 8,400 मीडिया कर्मचारी थे, वहीं अब सिर्फ 5,100 कर्मचारी बचे हैं। इनमें सिर्फ 560 महिलाएं शामिल हैं। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के मुताबिक, 180 देशों में अफगानिस्तान की प्रेस स्वतंत्रता रैंकिंग भी 122वें स्थान से गिरकर 178वें स्थान पर आ गई है। वहीं कंधार में पत्रकारों ने कहा कि उन्हें अभी तक इस संबंध में मंत्रालय से कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। उन्हें तस्वीरें लेने से भी नहीं रोका गया है। हालांकि, गजनी और मैदान वरदक प्रांतों के पत्रकारों को नैतिकता पुलिस द्वारा कानून के धीरे-धीरे लागू होने की जानकारी दी गई है।

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