India News (इंडिया न्यूज), Social Media Chroming Trend: अगर आपका बच्चा भी हर वक्त मोबाइल की आभासी दुनिया में खोया रहता है तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। बच्चे सोशल मीडिया पर अनगिनत चुनौतियों की ओर आकर्षित होते हैं, जिनमें से कई घातक साबित होती हैं। ऐसा ही एक चैलेंज इस वक्त वायरल हो रहा है, जो ब्रिटेन में 11 साल के बच्चे की मौत का कारण बन गया है। क्रोमिंग नाम का यह वायरल चैलेंज बेहद खतरनाक है, इसे पूरा करते वक्त हुई छोटी सी गलती भी बच्चे को मौत के मुंह में फंसा सकती है।
ब्रिटेन के लड़के की गई जान
ब्रिटेन के लैंकेस्टर के 11 वर्षीय टॉमी-ली ग्रेसी बिलिंगटन को एक ऐसे लड़के के रूप में जाना जाता था जो सोशल मीडिया का दीवाना था। टॉमी-ली के परिवार के मुताबिक, सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हो रहे क्रोमिंग चैलेंज को पूरा करते समय गलती होने पर उनकी मौत हो गई। उनकी दादी टीना बर्न्स के अनुसार, टॉमी-ली की मृत्यु क्रोमिंग चैलेंज को पूरा करने के बाद हुई, जो टिकटॉक पर लोकप्रिय हो रहा है। ली ने इसे एक दोस्त के घर पर पूरा करने की कोशिश की। इसी दौरान उनकी मौत हो गई। टीना बर्न्स ने सोशल मीडिया दिग्गजों से बच्चों की सुरक्षा के लिए और सख्त नियम लागू करने की मांग की है।
यह भी पढेंः- Bengaluru Water Crisis: अब पानी की बर्बादी पर लगेगा 5 हजार का जुर्माना, बूंद-बूंद पीने को तरसा बेंगलुरु
क्या है क्रोमिंग ?
बता दें कि, हैदराबाद के यशोदा अस्पताल के डॉ. दिलीप गुडे ने इंडियन एक्सप्रेस को ‘क्रोमिंग’ के खतरों के बारे में बताया। इस खतरनाक प्रवृत्ति में पेंट के डिब्बे और ऐसे कंटेनरों से विषाक्त पदार्थों को शरीर में ले जाना शामिल है। जब इतनी सारी खतरनाक गंध एक साथ अंदर जाती है, तो व्यक्ति को अचानक भ्रम, उल्टी, थकान और बहुत कुछ महसूस होता है। ‘क्रोमिंग’ इतनी खतरनाक हो सकती है कि व्यक्ति तर्क करने की क्षमता तक खो सकता है। और अपने साथ-साथ दूसरों की जान भी खतरे में डाल सकते हैं। “जिसका परिणाम कभी-कभी मृत्यु भी हो जाता है।”
पेरेंट्स को रहना चाहिए सावधान
इसे लेकर अब एसरा हेन्स के माता-पिता ने अन्य लोगों को भी ‘क्रोमिंग’ से जुड़े खतरों के बारे में बताया है। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक किया है. लोगों से भी आग्रह किया गया है कि वे अपने बच्चों को इससे दूर रखें. ऐसे खतरनाक चलन के कारण आप अपना बच्चा भी खो सकते हैं। इसलिए, यह निगरानी करना महत्वपूर्ण है कि बच्चे क्या सीख रहे हैं और क्या देख रहे हैं। ऐसे रुझानों के बारे में स्वयं को शिक्षित करें। सोशल मीडिया चुनौतियों का सावधानी से सामना करने की जरूरत है; दूसरों के प्रभाव में आकर निर्णय लेना गलत साबित हो सकता है।
यह भी पढेंः- India-US Relation: दोस्ती को मिलेगी नई दिशा, भारत-अमेरिका संबंध पर बाइडन का बयान