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Bengaluru Water Crisis: अब पानी की बर्बादी पर लगेगा 5 हजार का जुर्माना, बूंद-बूंद पीने को तरसा बेंगलुरु

Rajesh kumar • LAST UPDATED : March 8, 2024, 12:30 pm IST

Bengaluru Water Crisis: गर्मी शुरू होने से पहले ही कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु पीने के पानी की कमी से जूझ रही है। यहां लाखों लोगों को साफ पीने के पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर सरकार की ओर से तमाम प्रयास किये जा रहे हैं। इस बीच सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है।

आदेश का उल्लंघन करने पर 5,000 रुपये का जुर्माना

दरअसल, गंभीर जल संकट के बीच, कर्नाटक जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड ने कार धोने, बागवानी, भवन निर्माण, पानी के फव्वारे और सड़क निर्माण और रखरखाव के लिए पीने के पानी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही साफ कहा गया है कि आदेश का उल्लंघन करने पर 5000 रुपये का जुर्माना देना होगा।

टैंकर पानी के दाम तय

इससे पहले भी लगातार शिकायतें मिलने के बाद सरकार ने टैंकर पानी की कीमत तय करने का आदेश दिया है। बेंगलुरु सिटी डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने ये फैसला गुरुवार को लिया ताकि टैंकर मालिक ग्राहकों से पैसे न वसूल सकें।

बेंगलुरु सिटी डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर केए दयानंद ने बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड द्वारा बेंगलुरु महानगर निगम की ओर से याचिका दायर करने के बाद परिपत्र जारी किया। जिला प्रशासन ने बताया कि यह दर तकनीकी समिति की अनुशंसा के आधार पर तय की गयी है।

बेंगलुरु जिला प्रशासन के मुताबिक, 5 किलोमीटर तक 6000 लीटर के पानी के टैंकर की कीमत 600 रुपये, 8000 लीटर के पानी के टैंकर की कीमत 700 रुपये और 12,000 लीटर के पानी के टैंकर की कीमत 1000 रुपये होगी।

जीएसटी के दायरे में आएंगे प्राइवेट टैंकर

यदि दूरी 5 से 10 किमी के बीच है, तो 6000 लीटर के पानी के टैंकर की कीमत 750 रुपये, 8000 लीटर के पानी के टैंकर की कीमत 850 रुपये और 12,000 लीटर के पानी के टैंकर की कीमत 1200 रुपये होगी। आदेश में कहा गया है कि बेंगलुरु के कारण शहर का जिला सूखाग्रस्त होने के कारण पानी की आपूर्ति करने वाले निजी टैंकर जीएसटी के दायरे में आएंगे और इन दरों में जीएसटी जोड़ा जाएगा।

राज्य सरकार की अहम बैठक

शहर इस समय गंभीर जल संकट से जूझ रहा है, कर्नाटक सरकार ने इस मुद्दे के समाधान के लिए इस सप्ताह की शुरुआत में एक महत्वपूर्ण बैठक की। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने विधानसभा में कहा कि सरकार अन्य कार्यों की तुलना में सिंचाई और जल प्रबंधन परियोजनाओं को प्राथमिकता देगी।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, शिवकुमार ने कहा, “प्राथमिकता सिंचाई परियोजनाओं का विकास और टैंकों को भरना है। सड़क जैसे अन्य काम बाद में किए जाएंगे। हम पहले ही मुख्यमंत्री के साथ इस पर चर्चा कर चुके हैं।”

टैंकरों का पंजीयन 7 मार्च तक अनिवार्य

साथ ही, डिप्टी सीएम ने राज्य में पानी टैंकर मालिकों को चेतावनी दी है कि अगर वे 7 मार्च की समय सीमा से पहले अधिकारियों के साथ पंजीकरण नहीं कराते हैं, तो सरकार उनके टैंकरों को जब्त कर लेगी। बेंगलुरु शहर के कुल 3,500 पानी टैंकरों में से केवल 10% यानी 219 टैंकरों ने अधिकारियों के साथ पंजीकरण कराया है। यदि वे समय सीमा से पहले पंजीकरण नहीं कराते हैं, तो सरकार उन्हें जब्त कर लेगी।

उन्होंने कहा, “पानी किसी व्यक्ति की संपत्ति नहीं है बल्कि एक संसाधन है जो सरकार का है। सरकार को जल स्रोतों पर नियंत्रण लेने का अधिकार है। बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों को पानी की आपूर्ति के लिए तैयार रहना होगा।” दिया जा चुका है। BWSSB पहले से ही पानी की आपूर्ति के लिए 210 टैंकरों का उपयोग कर रहा है।”

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