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India News (इंडिया न्यूज), India Bangladesh Border Fencing Tensions:बांग्लादेश और भारत के बीच सीमा विवाद बढ़ता ही जा रहा है। बांग्लादेश ने भारत पर पांच जगहों पर दोनों देशों की सीमा पर बाड़लगाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है, जो दोनों देशों के बीच सीमा समझौते का उल्लंघन है। लेकिन सवाल यह है की यह विवाद क्यों शुरू हुआ है? आइए समझने की कोशिश करते हैं।
भारत द्वारा सीमा पर कंटीले तारों की बाड़ लगाने पर बांग्लादेश ने आपत्ति जताई है। बांग्लादेश के गृह मंत्रालय के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल जहांगीर आलम ने कहा कि बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) और स्थानीय निवासियों के विरोध के कारण भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने फिलहाल बाड़ लगाने का काम रोक दिया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछली सरकार के कार्यकाल में हुए कुछ समझौतों के कारण भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा से जुड़े कई मुद्दों पर तनाव रहा है।
भारत और बांग्लादेश के बीच 4,156 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिसमें से भारत ने अब तक 3,271 किलोमीटर पर कंटीले तारों से बाड़ लगाई है। बांग्लादेश सरकार के मुताबिक, 885 किलोमीटर की बाड़ अभी भी बाकी है। उनका कहना है कि 2010 से 2023 के बीच 160 जगहों पर बाड़ लगाने को लेकर विवाद हुआ। चपैनवाबगंज, नौगांव, लालमोनिरहाट और तीन बीघा कॉरिडोर पर सबसे ज्यादा तनाव है।
बांग्लादेश का आरोप है कि भारत ने पुराने सीमा समझौतों का उल्लंघन किया है। जहांगीर आलम ने दावा किया है कि 1975 के एक समझौते के मुताबिक, दोनों देशों की सहमति के बिना जीरो लाइन के 150 गज के अंदर कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता।
जहांगीर आलम ने कहा, ‘1974 में एक और समझौता हुआ, जिसमें बांग्लादेश ने बेरुबारी को भारत को सौंप दिया और बदले में भारत को बांग्लादेश को तीन बीघा कॉरिडोर तक पहुंच देनी थी। लेकिन भारत ने इस कॉरिडोर को कभी भी पूरी तरह से नहीं खोला। वे इसे एक बार में केवल एक घंटे के लिए खोलते थे।’ 2010 में, दोनों देशों ने फिर से एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें यह तय हुआ कि तीन बीघा कॉरिडोर 24 घंटे खुला रहेगा। लेकिन इस समझौते ने भारत को सीमा पर बाड़ लगाने की भी अनुमति दी।
बांग्लादेश ने चिंता जताई कि कंटीले तार लगाने से मैत्रीपूर्ण संबंध प्रभावित हो सकते हैं। वहीं, भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने कहा, ‘दोनों देशों के बीच सीमा पर सुरक्षा के लिए बाड़ लगाने पर सहमति बनी है। हमारे सीमा सुरक्षा बल संपर्क में हैं। उम्मीद है कि इस समझौते पर जल्द ही अमल होगा।’ प्रणय वर्मा ने कहा कि इस बैठक में तस्करी, आपराधिक गतिविधियों और मानव तस्करी की समस्या के चलते अपराध मुक्त सीमा बनाने की भारत की प्रतिबद्धता पर चर्चा हुई।
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