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थाईलैंड-कंबोडिया में फिर युद्ध! ट्रंप का युद्धविराम समझौता ध्वस्त, हवाई हमलों से बढ़ा तनाव

यह समझौता जुलाई में हुए 5 दिन के खतरनाक संघर्ष के बाद हुआ था, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए थे और लाखों लोग विस्थापित हुए थे. फिर भी थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीजफ़ायर समझौता अब टूट गया है. पिछले महीने थाईलैंड ने दावा किया था कि शांति समझौते के बावजूद कंबोडिया ने विवादित इलाके और जंगल में नई लैंडमाइन बिछाई हैं, जिससे विस्फोटों में उसके कई सैनिक घायल हो गए. पिछले हफ्ते एक और थाई सैनिक लैंडमाइन विस्फोट में अपना एक पैर खो बैठा है.

Written By: Mohammad Nematullah
Last Updated: December 8, 2025 12:12:33 IST

Thailand-Cambodia: जुलाई में हुए संघर्ष के बाद थाईलैंड और कंबोडिया एक बार फिर युध्द के कगार पर है. थाईलैंड ने सोमवार को कंबोडिया की कई मिलिट्री चौकियों पर हवाई हमले किया है. जिससे सीमा पर तनाव बढ़ गया है. यह हमला उस सीजफायर समझौते के टूटने का संकेत है. जिसके बारे में डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने बैंकॉक और नोम पेन्ह के बीच समझौता करवाया था.

थाईलैंड की सेना ने कहा कि ये हमले कंबोडिया की तोप और मोर्टार फायरिंग के जवाब में किए गए थे, जिसमें उस सुबह एक थाईलैंड सैनिक मारा गया था और दो अन्य घायल हो गए थे. मेजर जनरल विंथाई सुवारी ने कहा कि ऑपरेशन में चोंग आन मा दर्रे के पास “हथियार सपोर्ट चौकियों” को निशाना बनाया गया और कंबोडियाई यूनिटों पर थाईलैंड इलाके में बार-बार गोलाबारी करने का आरोप लगाया. हालांकि कंबोडिया ने इन आरोपों से इनकार किया, और दावा किया कि पहला हमला थाईलैंड सेना ने सुबह 5:00 बजे किया था और थाईलैंड कई दिनों से सीमा पर उकसाने वाली हरकतें कर रहा था.

थाईलैंड ने कंबोडिया पर ज़ोरदार हमला किया

कंबोडिया ने थाईलैंड के उकसाने वाले हमले के आरोप को खारिज कर दिया है. उसने थाईलैंड सेना पर सुबह करीब 5:00 बजे पहला हमला करने और “कई दिनों से उकसाने वाली हरकतें” करने का आरोप लगाया है. दोनो पक्षों ने सीमा पर भारी गोलाबारी की सूचना दी, और थाईलैंड ने कहा कि सीमावर्ती कस्बों में लगभग 70% नागरिकों को पहले ही निकाल लिया गया है. थाईलैंड हवाई हमला कुआलालंपुर शांति समझौते का सबसे गंभीर उल्लघंन है. जिस पर अक्टूबर के आखिर में हस्ताक्षर किए गए थे और जिसके गवाह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम थे.

यह समझौता कब हुआ था?

यह समझौता जुलाई में हुए पांच दिन के खतरनाक संघर्ष के बाद हुआ था, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए थे और लाखों लोग विस्थापित हुए थे. फिर भी थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीजफ़ायर समझौता अब टूट गया है. पिछले महीने थाईलैंड ने दावा किया था कि शांति समझौते के बावजूद कंबोडिया ने विवादित इलाके और जंगल में नई लैंडमाइन बिछाई हैं, जिससे विस्फोटों में उसके कई सैनिक घायल हो गए. पिछले हफ्ते एक और थाई सैनिक लैंडमाइन विस्फोट में अपना एक पैर खो बैठा है. जिसके बाद बैंकॉक ने खुले तौर पर कंबोडिया पर जानबूझकर संघर्ष को फिर से शुरू करने का आरोप लगाया है. इसके बाद प्रेय चान गांव के पास गोलीबारी में एक कंबोडियाई नागरिक के मारे जाने की खबरें आईं, और दोनों सरकारों ने एक-दूसरे पर जानबूझकर तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया है.

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