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इस मुस्लिम देश का नेता निकला मोसाद का एजेंट? खुलासे के बाद सदमे में आए दुनिया भर के मुसलमान!

BY: Divyanshi Singh • LAST UPDATED : December 16, 2024, 2:16 pm IST
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इस मुस्लिम देश का नेता निकला मोसाद का एजेंट? खुलासे के बाद सदमे में आए दुनिया भर के मुसलमान!

Mohammed al-Julani

India News (इंडिया न्यूज),Syria:सीरिया में बशर अल-असद की सरकार के तख्तापलट को एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है। फिलहाल देश में अंतरिम सरकार सत्ता में है, लेकिन मुख्य विद्रोही समूह के शीर्ष नेता अबू मोहम्मद अल-जुलानी को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।कई दिनों से सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि सीरियाई विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) का नेता जुलानी इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद का एजेंट है। वहीं, दमिश्क पर कब्जे के बाद से जुलानी ने इजरायल के प्रति काफी नरम रुख दिखाया है और जुलानी के ताजा बयानों और संगठन के एक आदेश ने इन आरोपों को और मजबूत कर दिया है।

सैन्य संगठनों को भंग करने करने का आदेश

हिजबुल्लाह के करीबी माने जाने वाले लेबनानी अखबार अल-अखबार के अनुसार, दमिश्क पर शासन करने वाले विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने हमास और इस्लामिक जिहाद सहित सीरिया में सभी सशस्त्र फिलिस्तीनी समूहों को हथियार डालने, सैन्य संगठनों को भंग करने और प्रशिक्षण ठिकानों को बंद करने का आदेश दिया है। HTS ने इन समूहों से कहा है कि वे सीरियाई सरकार की निगरानी में धार्मिक और राजनीतिक गतिविधियाँ कर सकते हैं, लेकिन उन्हें सीरियाई क्षेत्र का उपयोग किसी भी तरह से इजरायल के खिलाफ सैन्य अभियानों के लिए करने की अनुमति नहीं है।

इजरायल को लेकर क्या है जुलानी का रुख

सीरिया की राजधानी दमिश्क पर HTS के कब्जे के बाद इजरायल ने सीरिया में कब्जे वाले क्षेत्र को भी बढ़ा दिया है। सीरिया का गोलान हाइट्स क्षेत्र कई दशकों से इजरायल के कब्जे में है और बशर सरकार के हटते ही इजरायल ने आगे बढ़कर बफर जोन पर भी कब्जा कर लिया है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इजरायली सेना अब दमिश्क से सिर्फ 25 किलोमीटर दूर है। वहीं जब अल-जुलानी से सीरिया पर इजरायल के बमबारी को सेतक सवाल किया गया तो उन्होंने इसमें हस्तक्षेप करने से साफ इनकार कर दिया था। जुलानी ने कहा कि ‘सीरिया इजरायल के साथ एक और जंग में शामिल नहीं हो सकता है। देश एक और युद्ध के लिए तैयार नहीं है। हमारे लिए सबसे बड़ा खतरा हिजबुल्लाह और ईरान समर्थित शिया मिलिशिया हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल ये तस्वीर

दरअसल, जुलानी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, इस तस्वीर में वे खाकी रंग का टैक्टिकल गियर पहने नजर आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि जुलानी ने जो टैक्टिकल गियर पहना है, उसका निर्माण इजरायली कंपनी ने किया है।हालांकि, इस टैक्टिकल गियर के पीछे इमर्सनगियर लिखा हुआ है, जो एक चीनी कंपनी है। इस कंपनी की वेबसाइट सर्च करने पर पता चलता है कि यह टैक्टिकल गियर चीनी कंपनी की नकल है। यानी यह किसी ओरिजिनल ब्रांड का टैक्टिकल गियर नहीं है।

कौन हैं अबू मोहम्मद अल-जुलानी?

जुलानी का जन्म 1982 में सऊदी अरब में एक पेट्रोलियम इंजीनियर के घर हुआ था। जब जुलानी 7 साल के थे, तब उनका परिवार सीरिया चला गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुलानी 2003 में अल-कायदा में शामिल हो गया था। इसके बाद 2011 में सीरियाई गृहयुद्ध की शुरुआत के दौरान उसने ‘जबात अल-नुसरा’ नाम से एक संगठन बनाया। यह समूह अल-कायदा का सहयोगी था और इसे स्थापित करने में ISIS आतंकी बगदादी की बड़ी भूमिका थी। दूसरी ओर, 2016 में खुद को आधुनिक और उदारवादी दिखाने के लिए जुलानी ने अल-कायदा से नाता तोड़ लिया, ‘जबात अल-नुसरा’ को भंग कर दिया और एक नया संगठन बना लिया। बाद में इसी विचारधारा वाले कई विद्रोही समूह इस संगठन में विलीन हो गए और इसका नाम हयात तहरीर अल-शाम रखा गया।

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