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India News(इंडिया न्यूज),US Election 2024: कुछ ही दिनों में अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव होने वाले हैं। चुनाव के दो मुख्य चेहरे डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस है। जहां डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार इस पद के चुनाव मैदान में हैं वहीं यह पहला मौका है जब हैरिस अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं। बता दें अमेरिका में मतदान भारत के मतदान से अलग है। वहां लोग चुनाव की मुख्य तिथि से करीब 4 हफ्ते पहले अपना वोट डाल सकते हैं। जिसे अर्ली-वोटिंग कहा जाता है। इसी प्रावधान को लेकर भारतीय-अमेरिकी व्यवसायी विवेक रामास्वामी ने विरोध किया है। रामास्वामी ने गुरुवार को भारतीय चुनावी प्रक्रिया की तरह मतदान की मांग की और कहा कि अमेरिका में पूरे देश में एक ही दिन मतदान होना चाहिए और चुनाव से पहले मतदाताओं को अपना पहचान पत्र बनवाना अनिवार्य होना चाहिए।
बता दें अमेरिका में 5 नवंबर को चुनाव होने है। लेकिन अर्ली-वोटिंग प्रावधान की वजह से वहां के लोग अभी से मतदान कर सकते हैं। इस दौरान प्रचार और मतदान प्रक्रिया दोनों एक साथ चलती है। जबकि भारत में मतदान से करीब 36 घंटे पहले प्रचार बंद हो जाता है। हालांकि, अमेरिका की तुलना में अधिक आबादी के कारण भारत में अलग-अलग चरणों में मतदान होता है।
व्यवसायी से राजनेता बने विवेक रामास्वामी ने एरिजोना में ट्रंप के लिए एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं आपको ईमानदारी से बताता हूं, मुझे समय से पहले मतदान कभी पसंद नहीं आया। मेरा मानना है कि एक दिन में मतदान होना चाहिए, राष्ट्रीय अवकाश के दिन लोगों को पेपर बैलेट से मतदान करना चाहिए और इसके लिए सरकार को मतदाता सूची का मिलान करके लोगों को पहचान पत्र जारी करना चाहिए। मेरा भी यही मानना है और डोनाल्ड ट्रंप भी इसी व्यवस्था में विश्वास करते हैं।’
विवेक रामास्वामी ने रैली में मौजूद लोगों से कहा कि आपको नियमों के हिसाब से खेलना होगा और हम इन नियमों को बदलने जा रहे हैं जो सरकार को पहले ही कर लेना चाहिए था। उन्होंने कहा कि रिपब्लिकन होने के नाते भले ही हमें जल्दी मतदान पसंद न हो, फिर भी मैं आपसे कहूंगा कि आप अपने घरों से बाहर निकलें और किसी भी तरह से मतदान करें। क्योंकि हमारे सामने चुनाव है जिसे हमें जीतना है और अपने देश को बचाना है।
विवेक रामास्वामी अमेरिका में भारतीय मूल के अरबपति व्यवसायी हैं। वे पिछले साल रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की दौड़ में शामिल हुए थे, लेकिन बाद में डोनाल्ड ट्रंप की दावेदारी के समर्थन में उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था। 37 वर्षीय रामास्वामी के माता-पिता भारतीय थे और वे केरल के पलक्कड़ से अमेरिका चले गए थे। रामास्वामी का जन्म अमेरिका के ओहियो राज्य में हुआ था। उन्होंने हार्वर्ड कॉलेज और येल विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है।
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