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India News (इंडिया न्यूज),Israel-Hamas War:इजराइल-हमास जंग खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। 7 अक्टूबर 2023 से शुरु हुए इस जंग को 1 साल से ज्यादा समय हो गया है। युद्ध के कारण दोनों देशों को काफी नुकसान हुआ है। यह युद्ध कब तक चल सकता है और इसके क्या परिणाम होंगे तथा किस देश के पक्ष में परिणाम होंगे, यह हम ज्योतिष के माध्यम से जानने का प्रयास करेंगे।इस युद्ध का आकलन करने के लिए हम तीन कुंडलियों का उपयोग करेंगे। पहली है विश्व कुंडली, दूसरी है इजराइल की कुंडली तथा तीसरी है फिलिस्तीन की कुंडली।
विश्व कुंडली कल 13 अप्रैल 2024 को 9:04 बजे की है। यह वृश्चिक लग्न की कुंडली है। जिसमें चतुर्थ भाव में मंगल और शनि का द्वंद्व योग बना हुआ है। पंचम भाव में शुक्र, राहु, बुध और सूर्य की युति है, छठे भाव में बृहस्पति, आठवें भाव में चंद्रमा तथा ग्यारहवें भाव में केतु है।
कुंडली का चौथा भाव यानि भूमि, कृषि, उद्योग से संबंधित भाव जिसमें शनि अपनी ही राशि में है, लेकिन शत्रु मंगल के साथ बैठकर द्वंद्व यानि युद्ध का योग बना रहा है। इस कुंडली में भूमि से संबंधित संघर्ष स्पष्ट हो रहा है। यह युद्ध इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहा है। अमेरिका, इजरायल और मुस्लिम देशों के बीच युद्ध की प्रबल संभावना है। इसमें इजरायल की प्रमुख भूमिका होगी क्योंकि इजरायल ने फिलिस्तीन पर कब्जा करना शुरू कर दिया है।
पंचम भाव में सूर्य और राहु का ग्रहण तथा शुक्र और बुध का पीड़ित होना अत्यधिक कूटनीति के माध्यम से युद्ध की स्थिति बनाने की संभावनाएं हैं। अमेरिका जो कि बुध द्वारा शासित है, अपने अत्यंत चतुर और चालाक व्यवहार के कारण राहु के साथ होने से लड़ाई उसी तरह बढ़ेगी जैसे आग में घी डालने पर आग और अधिक जलती है। यह विश्व कुंडली अप्रैल 2025 तक प्रभावी रहेगी तथा इसके अनुसार अप्रैल 2025 तक युद्ध चलने की संभावना प्रतीत हो रही है।
इज़राइल कुंडली तेल अवीव, इज़राइल की कुंडली है जो 1948 में 4:00 बजे 14 में है। यह कन्या लग्न की कुंडली है जिसमें केतु दूसरे भाव में, बृहस्पति अपनी राशि में चौथे भाव में, राहु आठवें भाव में, सूर्य बुध नौवें भाव में, शुक्र दसवें भाव में, चंद्रमा और शनि ग्यारहवें भाव में तथा मंगल बारहवें भाव में है।
यह कुंडली एक मजबूत कुंडली है जिसमें सबसे मजबूत बात यह है कि इस कुंडली का लग्नेश बुध भाग्य भाव में मजबूत है। यह भाग्य योग और ख्याति योग बन रहा है। इसके साथ ही धर्मकर्माधिपति राजयोग भी बन रहा है। बुध और शुक्र का राशि परिवर्तन इस कुंडली में बहुत मजबूत स्थिति दर्शा रहा है। इसके साथ ही चतुर्थ और सप्तम भाव के स्वामी बृहस्पति भी शुक्र पर दृष्टि डाल रहे हैं, जिससे धेनु और जलाधि योग बन रहा है।
बृहस्पति हंस महापुरुष राजयोग बना रहे हैं और भाग्य और धन के स्वामी शुक्र पर उनकी दृष्टि हर दृष्टि से समृद्धि का संकेत दे रही है। इस कुंडली में मंगल शत्रु भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं और शत्रु भाव का स्वामी एकादश भाव में है। ये दोनों ही बिंदु शत्रुओं पर विजय के प्रबल योग बना रहे हैं। इस कुंडली को देखकर ऐसा लग रहा है कि यह फिलिस्तीन पर बहुत भारी पड़ने वाला है।
कुंडली में स्थितियों पर नजर डालें तो वर्तमान में राहु महादशा में राहु की अंतर्दशा चल रही है, जो अक्टूबर 2025 तक चलेगी। इसके बाद बृहस्पति की अंतर्दशा शुरू हो जाएगी। राहु महादशा शुरू होते ही इजरायल ने युद्ध शुरू कर दिया। बृहस्पति का चतुर्थ भाव में होना और उसकी अंतर्दशा अधिकांश निर्णय इजरायल के पक्ष में होने को दर्शा रही है।
फिलिस्तीन की कुंडली 15 नवंबर 1988 को दोपहर 12:40 बजे गाजा पट्टी की कुंडली है। यह सिंह लग्न की कुंडली है जिसमें केतु लग्न में, शुक्र दूसरे भाव में, बुध सूर्य तीसरे भाव में, शनि पंचम भाव में, चंद्रमा छठे भाव में, राहु सातवें भाव में, मंगल आठवें भाव में तथा बृहस्पति दसवें भाव में है। यह कुंडली बहुत मजबूत कुंडली नहीं है क्योंकि सिंह लग्न में शत्रु केतु के कारण लग्न पीड़ित है तथा लग्नेश सूर्य भी नीच राशि में है।
इसलिए इस कुंडली को बहुत मजबूत कुंडली नहीं कहा जा सकता। यह कुंडली मकर राशि की है तथा इस पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण चल रहा है जो फिलिस्तीन के लिए परेशानी का सबब बनेगा। यह देश मार्च 2025 तक शनि साढ़ेसाती से प्रभावित रहेगा तथा इस समय शनिदेव जाने से पहले इस देश को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं।
इस कुंडली में सप्तम भाव में राहु की उपस्थिति प्रत्यक्ष शत्रु द्वारा बड़ी हानि की संभावना बना रही है तथा वर्तमान में महादशा और अन्तर्दशा को देखें तो राहु की महादशा में चन्द्रमा की अन्तर्दशा चल रही है जो जुलाई 2025 तक चलेगी। उसके बाद राहु की महादशा में मंगल की अन्तर्दशा होगी, ये दोनों अन्तर्दशाएं इस कुंडली के लिए हानि दर्शा रही हैं, इस कुंडली में कोई विशेष लाभ नहीं है।
निष्कर्ष- विश्व कुंडली के अनुसार युद्ध का प्रभाव अप्रैल 2025 तक रहेगा, अभी शांतिपूर्ण अंत दिखाई नहीं दे रहा है। इजराइल और फिलिस्तीन की कुंडलियों को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि युद्ध के अंत में फिलिस्तीन पर अधिकार हो जाएगा।
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