India News (इंडिया न्यूज),Bangladesh:बांग्लादेश से एक बड़ी खबर सामने आई है। नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के गठन के कुछ ही दिनों के भीतर आपसी मतभेद उभरने लगे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने और फिर भारत चले जाने के बाद अंतरिम सरकार के कार्यभार संभालने के आठ दिनों के भीतर ही बड़ा फेरबदल हुआ है।पीएम मोदी
बांग्लादेश के ‘डेली स्टार अखबार’ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश की अंतरिम सरकार में ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन को गृह मंत्रालय के सलाहकार पद से हटाकर शुक्रवार रात को ही उनकी जगह सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल जहांगीर आलम चौधरी को नियुक्त कर दिया गया। जहांगीर समेत चार नए सलाहकारों ने पद की शपथ ली है। सरकारी समाचार एजेंसी ‘बांग्लादेश संवाद संस्था’ (बीएसएस) ने बताया कि मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने चार मंत्रालयों और राष्ट्रपति कार्यालय में पांच सचिवों को अनुबंध पर नियुक्त किया है।
ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत) एम सखावत को गृह सलाहकार के पद से हटाने के पीछे आधार उनका बयान है, छात्र नेताओं ने उनके बयानों पर आपत्ति जताई थी। उनके बयान के बाद बीएनपी और उसके तीन सहयोगी संगठनों ने उनके इस्तीफे की मांग की थी।
11 अगस्त को सखावत ने सभी राजनीतिक दलों को चेतावनी देते हुए कहा था कि अब अगर आपको लगता है कि आप बाजारों पर कब्जा कर लेंगे और जबरन वसूली करेंगे, तो आप कुछ समय के लिए आगे बढ़ सकते हैं और ऐसा कर सकते हैं, लेकिन मैंने सेना प्रमुख से अनुरोध किया है कि वे आपकी टांगें तोड़ दें…मुझे परवाह नहीं, आप नरक में जाएं। उनके इस बयान की कड़ी आलोचना हुई थी।
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मुख्य सलाहकार यूनुस के प्रेस विंग के अनुसार, अंतरिम सरकार ने आठ सलाहकारों के विभागों का फिर से बंटवारा किया है, सखावत को कपड़ा और जूट मंत्रालय का प्रभार दिया गया है। वहीं, जहांगीर आलम को कृषि मंत्रालय का प्रभार दिया गया है। यह फेरबदल अंतरिम सरकार के कार्यभार संभालने के आठ दिनों के भीतर किया गया है, जिसके बाद बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और फिर भारत चली गईं। अब अंतरिम सरकार में सलाहकारों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख यूनुस ने शुक्रवार को अपनी टीम का विस्तार करते हुए चार सलाहकारों को शामिल किया, जिससे अंतरिम सरकार की सलाहकार परिषद में सलाहकारों की कुल संख्या 21 हो गई है। डेली स्टार न्यूज पोर्टल ने कहा, “भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के एक नेता ने सखावत की कुछ टिप्पणियों की आलोचना की, जबकि बीएनपी और उसके तीन सहयोगी संगठनों ने उनके इस्तीफे की मांग की।
78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लाल किले की प्राचीर से बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि एक पड़ोसी देश के तौर पर मैं बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है, उसे लेकर चिंता को समझ सकता हूं। मुझे उम्मीद है कि वहां जल्द ही हालात सामान्य हो जाएंगे। खासकर 140 करोड़ देशवासियों को इस बात की चिंता है कि वहां हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। 17 अगस्त को बांग्लादेश की पीएम ने मोदी को फोन किया था भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अंतरिम सरकार के प्रमुख बांग्लादेश सरकार के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस ने शुक्रवार को फोन पर बात की।
बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों की खबरों के बीच दोनों नेताओं के बीच यह पहली बातचीत थी। इस बातचीत के बाद भारत के प्रधानमंत्री ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “मोहम्मद यूनुस का मुझे फोन आया। इस दौरान हम दोनों ने बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर बात की।” प्रधानमंत्री ने कहा, “मैंने लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण और प्रगतिशील बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन को दोहराया है। उन्होंने (मोहम्मद यूनुस) बांग्लादेश में हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है।”
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