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भारत के आतंकियों का साथ देने वाले को लगा हिन्दुस्तानियों का श्राप, 28 अक्टूबर को अपने ही करेंगे ये काम…गिड़गिड़ाने लगा ट्रूडो

Divyanshi Singh • LAST UPDATED : October 24, 2024, 8:20 pm IST
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भारत के आतंकियों का साथ देने वाले को लगा हिन्दुस्तानियों का श्राप, 28 अक्टूबर को अपने ही करेंगे ये काम…गिड़गिड़ाने लगा ट्रूडो

Jaishankar Conference Banned

India News (इंडिया न्यूज),Canada: भारत से पंगा लेने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर मुसीबतों का पहाड़ टूटने वाला है। उनकी कुर्सी खतरे में है। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं। मुसीबत साधारण नहीं है, उनकी कुर्सी जा सकती है। उनके अपने ही सांसद उनसे इस्तीफा मांग रहे हैं। लिबरल सांसदों ने उन्हें 28 अक्टूबर तक पद छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है। ऐसा न करने पर उन्हें परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई है। जस्टिन ट्रूडो पर सियासी अंधेरा छा गया है। अब वह अपनी कुर्सी बचाने के लिए अपने बच्चों की दुहाई दे रहे हैं।

दरअसल, सीबीसी यानी कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन के मुताबिक बुधवार यानी 23 अक्टूबर को लिबरल सांसदों की एक बैठक हुई थी। उस बैठक में जस्टिन ट्रूडो की कुर्सी छीनने की पटकथा लिखी गई। लिबरल सांसदों ने बुधवार को प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को डेडलाइन दी। सांसदों ने कहा कि अगले कुछ दिनों में तय कर लें कि आप नेता बने रहना चाहते हैं या परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। इसके लिए सांसदों ने इस्तीफे के लिए 28 अक्टूबर तक की डेडलाइन दी है। लिबरल पार्टी के सांसदों ने जस्टिन ट्रूडो से चौथी बार प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव न लड़ने को कहा है। पार्टी के करीब 24 सांसदों ने ट्रूडो को हटाने की मांग वाले पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

दरअसल, ट्रूडो विरोधी सांसद काफी समय से गुप्त बैठकें कर रहे थे। वे कॉकस के सदस्यों को एकजुट करना चाहते थे ताकि जस्टिन ट्रूडो को पीएम पद से हटाया जा सके और पार्टी को चुनावी हार से बचाया जा सके। करीब नौ साल तक सरकार में रहने के बाद जस्टिन ट्रूडो की लोकप्रियता में काफी कमी आई है। सीबीसी पोल ट्रैकर के मुताबिक, कंजरवेटिव पार्टी को सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी पर 19 अंकों की बढ़त हासिल है। यह अंतर बताता है कि अगले चुनाव के बाद दर्जनों लिबरल सांसदों को अपनी सीट गंवानी पड़ सकती है। इसे देखते हुए करीब 24 लिबरल सांसदों ने ट्रूडो से पद छोड़ने की मांग वाले दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए हैं।

28 अक्टूबर है डेडलाइन

सूत्रों की मानें तो लिबरल पार्टी के सांसद पैट्रिक वीलर ने बुधवार को पार्लियामेंट हिल पर पार्टी की कॉकस मीटिंग में ट्रूडो को एक पत्र पढ़ा। इस पत्र में ट्रूडो के तत्काल इस्तीफे के पक्ष में तर्क दिए गए। इस पत्र में डेडलाइन भी तय की गई। कहा गया कि जस्टिन ट्रूडो को 28 अक्टूबर से पहले अपने भविष्य के बारे में फैसला करना होगा। लिबरल पार्टी के सांसद जब जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे थे, तो वे असहज नजर आए। एक समय ऐसा भी आया जब वे पूरी तरह भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू बहने लगे।

गिड़गिड़ाने लगे ट्रूडो

इस्तीफे की मांग सुनते ही भावुक जस्टिन ट्रूडो मीटिंग में ही अपने बच्चों के लिए गिड़गिड़ाने लगे। सूत्रों का कहना है कि कनाडाई पीएम ट्रूडो ने सांसदों को अपने लंबे राजनीतिक करियर के कारण अपने तीनों बच्चों पर पड़ने वाले असर के बारे में बताया और इस दौरान वे भावुक भी हो गए। ट्रूडो ने अपने संसदीय दल से कहा है कि एक नेता के तौर पर उनकी क्षमता पर उनकी चिंताओं को सुनने के बाद उन्हें सोचने के लिए कुछ समय चाहिए।

यह मीटिंग करीब तीन घंटे तक चली। बंद कमरों में भावुक हो चुके जस्टिन ट्रूडो जब बाहर आए तो उनके चेहरे पर बनावटी मुस्कान थी। लेकिन कुर्सी पर तनाव साफ दिखाई दे रहा था। मीटिंग से बाहर आने के बाद उन्होंने मीडिया से सिर्फ इतना कहा कि लिबरल ‘मजबूत और एकजुट’ हैं। इसके अलावा ट्रूडो ने पत्रकारों के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। उन्होंने पहले कहा था कि वह फिर से चुनाव लड़ेंगे। दिलचस्प बात यह है कि कनाडा में पिछले 100 सालों में कोई भी प्रधानमंत्री लगातार चार बार इस पद पर नहीं रहा है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि अगर ट्रूडो 28 अक्टूबर की डेडलाइन तक पद छोड़ने की उनकी मांगों को नजरअंदाज करते हैं तो असंतुष्ट लिबरल क्या करेंगे।

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