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India News (इंडिया न्यूज़), Russia- Ukraine War, दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध के मोर्च से एक चौंकाने वाली खबर आई है। फरवरी 2022 में दोनों देशों के बीच लड़ाई शुरू होने के एक महने बाद एक खबर आई थी जिसमें कहा गया था की यूक्रेन की तरफ लड़ते हुई एक नेपाली सैनिक प्रताप बासनेट मारा गया। तब इस खबर को किसी ने कोई खास महत्व नहीं दिया था लेकिन अब खबर आई है की बड़ी संख्या में नेपाल के लोग इस युद्ध में हिस्सा ले रहे है।
यूक्रेन के मुद्दे पर नेपाल ने पश्चिमी देशों का साथ दिया और रूस के यूक्रेन पर आक्रमण की आलोचना की थी। हाल की रिपोर्ट से पता चलता है की नेपाली बड़ी संख्या में रूस में शामिल हुई है। सैकड़ो नेपाली रूस के सेना जॉइन करने के लिए कॉन्टैक्ट साइन कर रहे है। कॉन्टैक्ट के अनुसार एक साल की नौकरी के बाद इन सैनिकों को रूस की नागरिकता मिल जाएगी।
नेपाली लोगों में ऐसे कई लोग है जो सेना से रिटायर हो चुके है। एक नेपाली रिटायर्ड जवान के अनुसार, उसने दुबई में सिक्योरिटी गार्ड का काम किया लेकिन रूस के इतने अच्छे ऑफर के बाद वह रूस पहुंचा और रूसी आर्मी को जॉइन किया। उसने बताया कि रूसी आर्मी को जॉइन करने के लिए रूस सैन्य अधिकारियों ने प्रक्रिया को सरल कर दिया है इस वजह से उसे कोई दिक्कत नहीं हुई। रूस की सेना में शामिल होने के लिए पहले रूसी आने जरूरी था लेकिन अब सिर्फ इंग्लिश आने पर भी सेना में भर्ती किया जा रहा है।
इस बात का डेटा कहीं मौजूद नहीं है कि रूस की सेना में फिलहाल कितने नेपाली सैनिकों की भर्ती की गई है। लेकिन यह साफ में नेपाली बड़ी संख्या में रूस की तरफ से लड़ रहे है। यह पहली बार नहीं जब नेपाली विदेशी सेनाओं की तरफ से लड़ रहे है। 1815 में नेपाली ब्रिटिश सेना में बड़ी संख्या में शामिल हुई तब इन्हें नेपाली गोरखा कहा जाता था। भारत के आजाद होने के बाद इसे ‘इंडियन गोरखा’ के नाम से भर्ती किया जाने लगा।
नेपाली 1949 से ही सिंगापुर पुलिस में भी भर्ती होते रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की पीसकीपिंग फोर्स में सबसे ज्यादा जवानों को भेजने वाला नेपाल दुनिया का दूसरा देश है। लेकिन, नेपाल के जवान नॉन यूएन मिशन के तहत किसी दूसरे देश में नहीं जाते।
भारत के अलावा नेपाली किसी दूसरी देश की सेना में शामिल नहीं हो सकते। वहां के लोग ऐसा निजी तौर पर करते है। हजारों नेपाली जवानों ने फ्रेंच आर्मी को जॉइन किया है वह अमेरिका की सिटीजनशिप के लिए भी अमेरिकी आर्मी जॉइन करने चले जाते हैं। यूनाइटेड स्टेट्स सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विस के अनुसार नेपाल इस लिस्ट में सातवां देश हैं उससे पहले फिलीपीन्स, मैक्सिको, चीन, साउथ कोरिया, जमैका और नाइजीरिया आते हैं।
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