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India News (इंडिया न्यूज),Donald Trump:डोनाल्ड ट्रंप के नए प्रशासन ने पदभार संभालते ही भारत के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता देकर विदेश नीति के मंच पर मजबूत शुरुआत की है। अमेरिका के नए विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक की। डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण किया। बता दें ट्रंप दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं। ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भले ही पीएम मोदी को आमंत्रण ना मिला हो लेकिन अमेरिका के नए विदेश मंत्री मार्को रुबियो का भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक करना यह दिखाता है कि भारत अमेरिका के लिए कितना महत्वपूर्ण है। इस ऐतिहासिक कदम ने भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रणनीतिक सहयोग को दुनिया के सामने ला दिया है।
डॉ. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “नए विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ द्विपक्षीय बैठक करके खुशी हुई। हमने व्यापक साझेदारी पर चर्चा की, सचिव रुबियो पहले से ही इसके प्रबल समर्थक रहे हैं। हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी अपने विचार साझा किए हैं। आपसी रणनीतिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने की तत्परता जताई।” दोनों विदेश मंत्रियों की यह मुलाकात भारत-अमेरिका संबंधों को और गहरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। दोनों देशों ने रक्षा, व्यापार, टेक्नॉलॉजी और रीजनल स्टेबिलिटी के मुद्दों पर सहयोग को और मजबूत करने का संकल्प लिया।
Attended a productive Quad Foreign Ministers’ Meeting today in Washington DC. Thank @secrubio for hosting us and FMs @SenatorWong & Takeshi Iwaya for their participation.
Significant that the Quad FMM took place within hours of the inauguration of the Trump Administration. This… pic.twitter.com/uGa4rjg1Bw
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 21, 2025
ट्रंप प्रशासन ने दूसरी बड़ी कूटनीतिक पहल के तौर पर वाशिंगटन में क्वाड देशों (अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान) के विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित की। बैठक में शामिल हुए विदेश मंत्रियों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने पर विस्तृत चर्चा की।
भारतीय विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने ट्विटर पर इस बारे में लिखा है कि, “आज मैं वाशिंगटन डीसी में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल हुआ। हमारी व्यापक चर्चा में हिंद-प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र, खुला, स्थिर और समृद्ध बनाने के विभिन्न आयामों पर विचार किया गया। यह बैठक स्पष्ट संदेश देती है कि अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में क्वाड वैश्विक भलाई के लिए एक ताकत बना रहेगा।”
क्वाड देशों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि वे क्षेत्रीय समुद्री, आर्थिक और तकनीकी सुरक्षा को मजबूत करने और क्षेत्र में चीन द्वारा बढ़ते दबाव का मुकाबला करने के लिए मिलकर काम करेंगे।
क्वाड देशों के इस रणनीतिक गठबंधन को अक्सर चीन के लिए चुनौती के तौर पर देखा जाता है। चारों देशों ने बल या दबाव के जरिए यथास्थिति को बदलने की कोशिश करने वाली किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध करने का संकल्प लिया। बैठक में विश्वसनीय और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ावा देने तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कानून के शासन और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने पर सहमति बनी।
डॉ. जयशंकर और मार्को रुबियो की मुलाकात क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के कुछ ही घंटों के भीतर हुई। इन घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ट्रंप प्रशासन ने भारत को अपनी विदेश नीति का केंद्र बना लिया है।
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