संबंधित खबरें
दुनिया के सबसे ताकतवर देश में छाया अंधेरा! इस सफेद चीज ने मचाई तबाही…मंजर देख कांप गए लोग
Justin Trudeau की हुई सबसे बड़ी बेइज्जती! भारत से पंगा लेने वाले को मस्क ने बनाया लड़की, किया ऐसा काम दुनिया भर में हो रही है जगहंसाई
HMPV Virus पर WHO का पहला रिएक्शन आया सामने, वायरस को लेकर कर दिए कई खुलासे
ये कुंवारा लड़का है 87 बच्चों का बाप, साल 2025 में मार देगा ‘शतक’, इन देशों की महिलाओं को कर चुका है प्रेग्नेंट
उधर अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर पर हो रहा है खूनी खेला, इधर तालिबान के साथ मिलकर भारत ने कर दिया ये काम, सदमे में आए पाक पीएम
पुतिन के राह पर चलें ट्रंप, दुनिया के सबसे बड़ी द्वीप पर करने जा रहे हैं कब्जा? प्लान देख दंग रह गए कई ताकतवर देश
India News (इंडिया न्यूज), British Indian Community: ब्रिटिश भारतीय समुदाय की दो महत्वपूर्ण हस्तियों से उनके पद छीन लिए गए हैं। टोरी पीयर रामी रेंजर और हिंदू काउंसिल यूके के मैनेजिंग ट्रस्टी अनिल भनोट से इस्लामोफोबिया के आरोपों के बाद उनके सम्मान छीन लिए गए हैं। ब्रिटिश राजा ने करोड़पति रेंजर से उनकी सीबीई (कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर) की उपाधि छीन ली है। वहीं लीसेस्टर में सामुदायिक कला केंद्र चलाने वाले प्रैक्टिसिंग अकाउंटेंट भनोट से उनकी ओबीई (ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर) की उपाधि छीन ली गई है। शुक्रवार को ‘लंदन गजट’ में इसकी घोषणा की गई। उनसे बकिंघम पैलेस को अपना प्रतीक चिह्न वापस करने को कहा जाएगा और वे अब अपने सम्मान का लाभ नहीं उठा पाएंगे।
जब्ती समिति उन मामलों की जांच करेगी। जब्ती के लिए समिति की सिफारिशें ब्रिटिश प्रधान मंत्री कीर स्टारमर के माध्यम से राजा को सौंपी गईं। रेंजर और भनोट ने इस कदम की निंदा करते हुए इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया। सामुदायिक एकीकरण के लिए ओबीई प्राप्त करने वाले भनोट ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि जनवरी में जब्ती समिति ने उनसे संपर्क किया था और उन्होंने खुद का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगा कि यह ठीक होगा लेकिन जाहिर तौर पर ऐसा नहीं हुआ।’ उन्होंने आगे कहा कि उन पर इस्लामोफोबिया का आरोप लगाने वाली शिकायत 2021 में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के बारे में लिखे गए उनके ट्वीट्स के बारे में थी।
वेबसाइट ‘5 पिलर्स’ ने इन ट्वीट्स के बारे में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और चैरिटी कमीशन से शिकायत की थी। दोनों ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के आधार पर उन्हें बरी भी कर दिया। उन्हें नहीं पता कि जब्ती समिति से किसने शिकायत की और उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने इस्लामोफोबिक कुछ भी कहा है। उन्होंने कहा कि उस समय हमारे मंदिरों को तोड़ा जा रहा था और हिंदुओं पर हमला किया जा रहा था और उन्हें मारा जा रहा था। बीबीसी इसे कवर नहीं कर रहा था और मुझे उन गरीब लोगों के लिए सहानुभूति महसूस हुई। मुझे लगा कि किसी को कुछ कहना चाहिए। यह वैसा ही था जैसा अभी हो रहा है लेकिन छोटे पैमाने पर।
मैं बातचीत और कानूनी समाधान की मांग कर रहा था। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है और न ही मैंने सम्मान प्रणाली को बदनाम किया है। उन्होंने आगे कहा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अब इंग्लैंड में अतीत की बात हो गई है। मैं इससे बहुत परेशान हूं। मुझे नहीं लगता कि उन्होंने मेरे प्रतिनिधित्व पर बिल्कुल भी ध्यान दिया। रेंजर को ब्रिटिश व्यापार और सामुदायिक सेवा के लिए 2016 में CBE से सम्मानित किया गया था।’उन्होंने कहा कि वह इस फ़ैसले की न्यायिक समीक्षा करने और इसे यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय में ले जाने की योजना बना रहे हैं। उनके ख़िलाफ़ शिकायतों में सिख फ़ॉर जस्टिस नामक एक अमेरिकी संगठन की शिकायत भी शामिल है और यह संगठन भारत में प्रतिबंधित है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.