India News(इंडिया न्यूज),UK museum: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, भारत और अन्य देशों के हजारों मुसलमानों ने ब्रिटिश शासन के लिए लड़ाई लड़ी। उनके बलिदान को याद रखने के लिए ब्रिटेन के चांसलर जेरेमी हंट ने इन शहीदों की याद में स्मारक बनाने के लिए बजट में 10 लाख पाउंड (10 करोड़ रुपये) देने की घोषणा की है। हंट ने कहा कि मुस्लिमों के लिए ब्रिटेन का पहला ऐसा स्मारक वर्ल्ड वार्स मुस्लिम मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा बनाया जाएगा।
सरकार से स्मारक बनाने की इजाजत भी मिल गई है और जल्द ही इसका काम शुरू हो जाएगा। हंट ने भाषण देते हुए कहा, ”जैसा कि हम इज़राइल और गाजा में जान-माल के नुकसान पर शोक मना रहे हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने हमें याद दिलाया कि आज हमें उग्रवाद से लड़ने और आपसी फूट को दूर करने की जरूरत है। मैं उन मुसलमानों को याद करके शुरुआत करता हूं जिन्होंने स्वतंत्रता और लोकतंत्र की सेवा की और दो विश्व युद्धों में ब्रिटेन के लिए लड़ाई लड़ी।
यह स्मारक स्टैफोर्डशायर के नेशनल मेमोरियल आर्बोरेटम में होगा और इसमें एक टावर भी बनाया जाएगा। मीनार को इस्लामी वास्तुकला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है और स्मारक की एक दीवार पर ब्रिटेन के लिए लड़ने वाले मुस्लिम सैनिकों की बहादुरी की कहानियाँ लिखी जाएंगी। इस बारे में बोलते हुए मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष सर विलियम ब्लैकबर्न ने कहा, “हमारा प्रोजेक्ट औपनिवेशिक इतिहास को पुनर्जीवित करने और ब्रिटेन में मुसलमानों के योगदान को याद करने का एक प्रयास है।
ब्रिटेन में इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या करीब 4 लाख है। 2021 की जनगणना के मुताबिक ब्रिटेन में 6।6 फीसदी मुस्लिम हैं, 2011 की जनगणना में यह आंकड़ा 4।4 फीसदी था। ब्रिटेन में इस्लाम सबसे तेजी से फैलने वाला धर्म है। इस धर्म को मानने वाले लोगों की औसत आयु 27 वर्ष है। जबकि सबसे बड़ा धर्म ईसाई धर्म है जिसके अनुयायियों की औसत आयु 51 वर्ष है।
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