होम / विदेश / UK Election 2024: ब्रिटेन चुनाव में क्यों पिछड़ गए ऋषि सुनक, रेस में इतने आगे कैसे आए कीर स्टार्मर? यहां जानें 

UK Election 2024: ब्रिटेन चुनाव में क्यों पिछड़ गए ऋषि सुनक, रेस में इतने आगे कैसे आए कीर स्टार्मर? यहां जानें 

PUBLISHED BY: Reepu kumari • LAST UPDATED : July 5, 2024, 8:45 am IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

UK Election 2024: ब्रिटेन चुनाव में क्यों पिछड़ गए ऋषि सुनक, रेस में इतने आगे कैसे आए कीर स्टार्मर? यहां जानें 

India News (इंडिया न्यूज), UK Election 2024: करीब 2 साल पीछे हम लोग झांक कर देखते हैं। वह दिन था- 23 अप्रैल 2022। जब कैलेंडर पलटा तो पूरा भारत इस दिन का जश्न मना रहा था। हर घर में रोशनी जगमगा रही थी। लेकिन ये ख़ुशी सिर्फ दूसरों तक ही सीमित नहीं थी। इस साल यह दोगुना हो गया है। लगभग 200 वर्षों तक भारत पर शासन करने वाले की गद्दी संभालने के लिए एक भारतीय मूल के राष्ट्रपति को चुना गया।

हां, वह एक शख्स थे – ऋषि सुनक। जब ऋषि सुनक कंजर्वेटिव पार्टी में प्रधानमंत्री पद के लिए चुने गए तो यह यात्रा न केवल पूरे भारत के लिए बल्कि दुनिया में जहां भी रहे भारतीयों के लिए ऐतिहासिक थी। लेकिन आज ऋषि सुनक रेसलर रेस में पिछड़ते नजर आ रहे हैं। अगर आप ब्रिटिश अखबारों के पन्ने पलटेंगे तो पाएंगे कि ऋषि सुनक को ब्रिटेन में रहने वाले भारतीयों की सबसे ज्यादा आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। यहां करीब 25 लाख भारतीय मतदाता हैं।

  • जन्म से हिंदू हैं ऋषि सुनक 
  • ऋषि सुनक का ग्राफ गिरा
  • कीर स्टार्मर ने सुनक को कैसे चुनौती दी?

जन्म से हिंदू

हालांकि ऋषि सुनक ने शुरू से ही यह स्पष्ट कर दिया था कि वह जन्म से हिंदू हैं, हिंदू पूजा पद्धति का पालन करते हैं लेकिन वह एक कट्टर राष्ट्रवादी हैं, उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि उनकी सरकार के फैसले ब्रिटेन के हित में होंगे। यूके नेशनलिटी ऑर्थोमेट अपने स्वयं के सुपरमार्केट के साथ। इसके बावजूद भारतीयों और विशेषकर ब्रिटेन में रहने वाले भारतीयों को ऋषि सुनक से विशेष उम्मीदें थीं, जिस पर सभी को अंतिम संस्कार दिया गया।

हाल ही में हुए एक सर्वे में ऋषि सुनक की लोकप्रियता को लेकर चौंकाने वाली बात सामने आई है। आंकड़े बताते हैं कि वहां बसे करीब 64 फीसदी भारतीय ऋषि सुनक को नापसंद करते थे। और इसकी वजह न सिर्फ वीजा नियमों में अपनाई गई सख्ती थी बल्कि महंगाई और आर्थिक मोर्चे पर नाकामी ने भी ऋषि सुनक को बैकफुट पर ला दिया था।

Amritpal Singh: अमृतपाल और राशिद आज लेंगे लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ, कोर्ट ने दी पैरोल

ऋषि सुनक का ग्राफ गिरा

ऋषि सुनक की राय के गिरते ग्राफ के और भी कई कारण हैं। न तो वह इब्राहिम को रोक सकता है, न ही वह कोरोनोवायरस महामारी के दौरान संघर्ष कर रही अर्थव्यवस्था को पर्यटन की पेशकश कर सकता है, न ही वह आव्रजन पर लेबर के लंबे समय से प्रतीक्षित सामुदायिक कटौती को लागू कर सकता है, न ही वह इसे घरेलू स्तर पर लागू कर सकता है। समस्या का समाधान कर सकते हैं। कोई मुद्दा उठा सकता है। कारोबार पर कुछ असर पड़ सकता है।

ब्रिटेन में बढ़ती महंगाई ने लग्जरी जिंदगी जीने वालों के लिए भी नई मुसीबत खड़ी कर दी है। कई लोग जो लग्जरी कारों में चलते हैं, उन्होंने सार्वजनिक बसों में यात्रा करना शुरू कर दिया, जबकि जो लोग रेस्तरां में महंगा खाना खाते हैं, उन्होंने अपने खर्चों में कटौती की। जाहिर है, इन परिस्थितियों ने ऋषि सुनक की शासन शैली पर सवाल खड़े कर दिए और जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आए, विपक्षी दल उनके खिलाफ और अधिक मुखर हो गए। परिणामस्वरूप उन्हें दो उप-चुनावों में हार का सामना करना पड़ा और वर्ष 2025 में निर्धारित समय से पहले आम चुनाव कराने पड़े।

Disadvantages of Tea: खौलती चाय कॉफी पीने की आदत ज्यादा खतरनाक, कर सकती है ये बड़ा नुकसान

कीर स्टार्मर ने सुनक को कैसे चुनौती दी?

अब बात करते हैं उस शख्स की जो आज ब्रिटिश राजनीति में सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रहा है। और वह शख्स हैं लेबर पार्टी के उम्मीदवार कीर स्टार्मर। करीब 60 साल के कीर स्टार्मर ने ऋषि सुनक को कई मोर्चों पर कड़ी चुनौती दी साल 2020 में उन्होंने अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही अपनी पार्टी की कमान संभाली।

जिसके बाद उन्होंने व्यावहारिक पहलू को अपनी राजनीति का आधार बनाया। एक कम्युनिस्ट वकील के रूप में कीर स्टार्मर का मार्ग। वह साल 2015 में संसद पहुंचे थे। उन्होंने दावा किया था कि ब्रिटेन के लोग चाहते हैं कि लेबर पार्टी एक बार फिर सत्ता में आए।

कीर स्टार लगातार चार वर्षों तक नामांकन नेता थे। उन्होंने कंजर्वेटिव पार्टी और उनके विरोधियों की विफलताओं को करीब से देखा और अपनी पार्टी की नीति बनाई। उनकी पार्टी ने नारा दिया कि सत्ता और अर्थव्यवस्था की स्थिरता के लिए लोगों को लेबर पार्टी को वोट देना चाहिए। सर्वेक्षण से पता चला कि लेबर पार्टी को कंजर्वेटिव पार्टी की तुलना में लगभग दोगुनी रियायतें मिल सकती हैं। और कीर स्टार्मर 2010 के बाद लेबर पार्टी को फिर से सत्ता में ला सकते हैं।

Petrol Diesel Price: पेट्रोल डीजल के दाम जारी, यहां जानें ताजा रेट 

क्या स्टार्मर के आने से बदल जाएगा ब्रिटेन

ब्रिटेन में आज लोग महंगाई, सार्वजनिक क्षेत्र की हड़तालों और राजनीतिक नेतृत्व में बार-बार बदलाव को लेकर गुस्से में हैं। और कीर स्टार्मर इस मुद्दे पर अपना अभियान चलाकर जनता को आकर्षित करने में सफल रहे हैं. वर्ष 2022 में ग्रेट ब्रिटेन में दो प्रधान मंत्री होंगे – बोरिस जॉनसन और लिज़ ट्रस। और इसके बाद ऋषि सुनक. ऐसे में स्टार्मर ने अपनी रणनीति को मजबूत किया और लेबर पार्टी को देश में स्थायी परिवर्तन का वादा किया और जनता से वादा किया- पार्टी से पहले देश।

इस चुनाव में स्टार्मर ने जनता से यह भी वादा किया है कि उनकी पार्टी की सरकार ब्रिटेन के पुराने आवास संकट को कम कर सकती है और बिगड़ती सार्वजनिक सेवाओं में बिगड़ती स्वास्थ्य सेवाओं को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने यह भी वादा किया है कि इस सुधार से उनकी पार्टी की सरकार नहीं बनेगी। यानी उनकी रणनीति फिजियोथेरेपिस्ट और पॉकेट मनी पर होने वाले खर्च को नियंत्रित करने की है। देखिये उनका नारा क्या जादू पैदा करता है।

Amritpal Singh: अमृतपाल और राशिद आज लेंगे लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ, कोर्ट ने दी पैरोल

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

Udaipur News: बेटे ने मां का अपहरण कर की निर्मम हत्या! तांत्रिक समेत तीन आरोपी हुए गिरफ्तार
Udaipur News: बेटे ने मां का अपहरण कर की निर्मम हत्या! तांत्रिक समेत तीन आरोपी हुए गिरफ्तार
MP Crime News: ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर किसान से मांगे 10 हजार रुपये, जालसाज की चलाकी उसी पर पड़ी भारी
MP Crime News: ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर किसान से मांगे 10 हजार रुपये, जालसाज की चलाकी उसी पर पड़ी भारी
टॉप क्लास यूनिवर्सिटीज के लिए मशुहर इस देश में शिक्षा को बनाया गया धंधा, 17 यूनिवर्सिटीज के खिलाफ चल रहे मुकदमें, भारतीय स्टूडेंट्स कर रहे इनमें स्टडी
टॉप क्लास यूनिवर्सिटीज के लिए मशुहर इस देश में शिक्षा को बनाया गया धंधा, 17 यूनिवर्सिटीज के खिलाफ चल रहे मुकदमें, भारतीय स्टूडेंट्स कर रहे इनमें स्टडी
Rajasthan Weather: राजस्थान में ठंड का असर बढ़ा, सर्दी से बचने के लिए रखना होगा ख्याल
Rajasthan Weather: राजस्थान में ठंड का असर बढ़ा, सर्दी से बचने के लिए रखना होगा ख्याल
Delhi Bomb Threat: स्कूलों को बम धमकी देने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई! LG ने सख्त निर्देश किए जारी
Delhi Bomb Threat: स्कूलों को बम धमकी देने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई! LG ने सख्त निर्देश किए जारी
Bihar Crime: दहशत का बड़ा माहौल, पूर्व उपाध्यक्ष रंजीत राय को खुलेआम मारी गोली, FSL कर रही जांच
Bihar Crime: दहशत का बड़ा माहौल, पूर्व उपाध्यक्ष रंजीत राय को खुलेआम मारी गोली, FSL कर रही जांच
300 पार पहुंचे शुगर को भी मात्र 5 दिन में बैलेंस कर देती है ये पीली सी सस्ती चीज…शरीर को देती है इतने फायदे की उंगलियों पर भी न पाए गिन?
300 पार पहुंचे शुगर को भी मात्र 5 दिन में बैलेंस कर देती है ये पीली सी सस्ती चीज…शरीर को देती है इतने फायदे की उंगलियों पर भी न पाए गिन?
UP Weather: यूपी में मौसम का मिजाज बदला! बारिश की संभावना और तापमान में तेजी से गिरावट गिरावट
UP Weather: यूपी में मौसम का मिजाज बदला! बारिश की संभावना और तापमान में तेजी से गिरावट गिरावट
Himachal Weather: हिमाचल में बदला मौसम का मिजाज, 23-24 दिसंबर को बारिश और बर्फबारी का अनुमान
Himachal Weather: हिमाचल में बदला मौसम का मिजाज, 23-24 दिसंबर को बारिश और बर्फबारी का अनुमान
विपक्ष के लगातार अमित शाह पर किए जा रहे हमलों का बीजेपी ने निकाला तोड़, पार्टी जल्द शुरू करेगी ये काम, कांग्रेस और सपा की उड़ने वाली है नींद
विपक्ष के लगातार अमित शाह पर किए जा रहे हमलों का बीजेपी ने निकाला तोड़, पार्टी जल्द शुरू करेगी ये काम, कांग्रेस और सपा की उड़ने वाली है नींद
रनिंग, स्किपिंग या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, किस एक्सरसाइज से तेजी से घटता है वजन, क्या होता है सही समय और तरीका?
रनिंग, स्किपिंग या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, किस एक्सरसाइज से तेजी से घटता है वजन, क्या होता है सही समय और तरीका?
ADVERTISEMENT