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India News (इंडिया न्यूज),UK: ब्रिटेन के पूर्व उर्जा मंत्री क्रिस स्किडमोर जो कि दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड के ग्लॉस्टरशायर में किंग्सवुड के टोरी सांसद थे उन्होने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद ऐसा माना जा रहा है कि, क्रिस स्किडमोर के इस्तीफा के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की की मुश्किलें बढती दिखाई दे रही हैं। जानकारी के लिए बता दें कि, पूर्व ऊर्जा मंत्री क्रिस स्किडमोर ने अगले सप्ताह संसद में आने वाले नए तेल और गैस उत्पादन संबंधी कानून को लेकर कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया।
वहीं अपने इस्तीफे के बारे में बतातें हुए पूर्व ऊर्जा मंत्री क्रिस स्किडमोर ने कहा कि, वह दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड के ग्लॉस्टरशायर में किंग्सवुड के टोरी सांसद के रूप में इस्तीफा दे रहे हैं, क्योंकि कॉमन्स में बने न रहने के उनके व्यक्तिगत निर्णय के बाद घटक संसद के एक नए सदस्य के हकदार थे। इसके साथ ही उन्होने पहले ही अगला आम चुनाव नहीं लड़ने की योजना की घोषणा कर दी थी, लेकिन उनके जल्दबाजी में बाहर निकलने का मतलब है कि सुनक को उपचुनाव लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इसे अक्सर आम चुनाव वर्ष में अंतिम चुनाव परिणामों के अग्रदूत के रूप में देखा जाता है।
जानकारी के लिए बता दें कि, स्किडमोर ने एक्स पर अपना इस्तीफा पोस्ट किया जिसमें लिखा था कि, यह विधेयक वास्तव में अधिक बार नए तेल और गैस लाइसेंस और उत्तरी सागर में नए जीवाश्म ईंधन के उत्पादन में वृद्धि की अनुमति देगा। ‘मैं अब और खड़ा नहीं रह सकता। हम जिस जलवायु संकट का सामना कर रहे हैं, उसका राजनीतिकरण करना या उसे नजरअंदाज करना बहुत महत्वपूर्ण है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि क्रिसमस अवकाश के बाद सोमवार को संसद के लौटने पर आने वाले ऑफशोर पेट्रोलियम लाइसेंसिंग बिल तेल और गैस कंपनियों को हर साल जीवाश्म ईंधन के लिए ड्रिलिंग के लिए नए लाइसेंस के लिए बोली लगाने की अनुमति देगा। उन्होंने कहा, ‘मैं अगले सप्ताह विधेयक के लिए मतदान नहीं कर सकता। भविष्य ऐसा करने वालों का कठोरता से न्याय करेगा।
वहीं स्किडमोर के इस निर्णय के बाद ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने कहा कि, विधेयक, जो कंपनियों को उत्तरी सागर में जीवाश्म ईंधन के लिए ड्रिलिंग के लिए नए लाइसेंस के लिए वार्षिक बोली लगाने की अनुमति देगा, नौकरियों की रक्षा करेगा और अस्थिर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने जोखिम को कम करके ब्रिटेन की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा। ‘अब हमारे पास अधिक व्यावहारिक, आनुपातिक और यथार्थवादी दृष्टिकोण होगा जो परिवारों पर बोझ को कम करेगा। यह सब भविष्य के नए हरित उद्योगों को दोगुना करते हुए। लोकतंत्र में, नेट जीरो के लिए यही एकमात्र यथार्थवादी मार्ग है।’
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