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India News (इंडिया न्यूज),UK: यूनाइटेड किंगडम में करीब 14,000 लोगों ने सरकारी मुआवजे के लिए आवेदन किया है। लोगों ने आरोप लगाया कि कोविड-19 वैक्सीन लगवाने की वजह से उन्हें नुकसान हुआ है। द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ लोगों ने पहले भी कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट का दावा किया था। उन्होंने हार्ट अटैक, रीढ़ की हड्डी में सूजन की बात कही थी, जिसके बाद सरकार ने उन्हें मुआवजा दिया।
यूनाइटेड किंगडम में 1979 में एक योजना शुरू की गई थी, जिसका नाम VDPS यानी वैक्सीन डैमेज पेमेंट स्कीम है। इसके तहत वैक्सीन लगवाने के बाद लोगों को कुछ साइड इफेक्ट होने पर मुआवजा देने का प्रावधान है। पिछले कुछ सालों में इसमें कुल 16,000 आवेदन किए गए और इनमें से ज्यादातर कोविड-19 वैक्सीन से जुड़े हैं।हालांकि, कई लोगों के आवेदन खारिज कर दिए गए। क्योंकि वे योजना के लिए जरूरी मापदंडों को पूरा नहीं कर रहे थे।
इस योजना के तहत पात्र लोगों को 1,30,27,665 रुपये दिए जाते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने अब तक सिर्फ 175 मामलों में ही भुगतान को मंजूरी दी है। जो कुल प्राप्त आवेदनों का 2 प्रतिशत से भी कम है। इस योजना में 5,500 से अधिक आवेदन खारिज हो चुके हैं। 519 आवेदन जांच तक पहुंचने से पहले ही खारिज हो गए। इस योजना का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिलता है, जो कम से कम 60 प्रतिशत दिव्यांग हैं।
वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं। जर्मनी, इटली, फ्रांस और स्पेन जैसे देशों ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन पर रोक लगा दी थी, लेकिन ब्रिटेन सरकार ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की सिफारिश जारी रखी। हालांकि, महामारी की शुरुआत में एस्ट्राजेनेका को कानूनी संरक्षण दिया गया था, इसलिए अगर कोई कंपनी के खिलाफ केस जीत भी जाता है, तो बिल का भुगतान कंपनी नहीं करेगी।
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