इंडिया न्यूज, Keev News। Russia-Ukraine War: पिछले काफी लंबे समय से चल रहे रूस और यूक्रेन के युद्ध का अंत कब होगा इसके बारे में तो कोई नहीं जानता लेकिन रूस के सामने यूक्रेन का इतने लंबे समय तक टिक पाना यूक्रेन के लिए बड़ी बात है। अमेरिका सहित यूरोप के कई देश यूके्रन की मदद कर रहे हैं। यही कारण है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की अभी तक डटे हुए हैं।
वहीं एक दिन पहले ही रूस ने यूक्रेन के चार हिस्सों को अपने देश में मिला लिया है। जिसके बाद शनिवार को रूस की सेना को यूक्रेन के लाइमैन शहर से वापस पिछे हटना पड़ा। यह लाइमैन शहर वही है जिसपर रूस कब्जा कर चुका था, लेकिन यूक्रेन की ओर से जवाबी हमले के बाद पुतिन की सेना को पीछे हटना पड़ा।
लाइमैन यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खार्किव से 160 किलोमीटर (100 मील) दक्षिण पूर्व में है। यूक्रेन की सेना ने जवाबी हमले के बाद रूसी सेना को ओस्किल नदी के पार धकेल दिया है। लाइमैन परिवहन का प्रमुख केंद्र भी है। रूस के लिए यह जमीनी रास्ते के जरिए संचार और रसद पहुंचाने का आसान रास्ता भी था।
लाइमैन से रूस को खदेड़ने के बाद यूक्रेन संभावित रूप से अब लुहान्सक क्षेत्र में आगे बढ़ सकता है। लुहान्सक उन चार क्षेत्रों में से एक है जिसे रूस ने जनमत संग्रह के बाद अपनी सीमा में शामिल कर लिया है।
वहीं बताया जा रहा है कि पुतिन की ओर से सैन्य की आंशिक तैनाती के ऐलान के बाद रूस भी यूके्रन पर हमला तेज कर दिया है। यूके्रन में एक क्षेत्रीय अधिकारी ने कहा है कि रूसी बलों ने देश के पूर्वोत्तर में नागरिकों के काफिले पर गोलाबारी की, जिसमें 20 लोग मारे गए।
खारकीव क्षेत्र के गवर्नर ओलेह सिनीहुबोव ने बताया कि शनिवार को उन लोगों पर हमले किए गए, जिन्हें गोलाबारी से बचाने के लिए वहां से हटाया जा रहा था। उन्होंने कहा कि यह ऐसी निर्मम कार्रवाई है जिसके न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता।
पिछले महीने यूके्रन के एक सफल जवाबी हमले के बाद रूसी सेना खारकीव क्षेत्र के अधिकांश हिस्से से पीछे हट गई है, लेकिन इस क्षेत्र में गोलाबारी जारी रखी है। इस सप्ताह बमबारी काफी तेज हो गई, क्योंकि रूस ने अपने पूर्ण या आंशिक नियंत्रण के तहत पूर्व और दक्षिण में चार यूक्रेनी इलाकों को अपने कब्जे में ले लिया है।
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