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India News (इंडिया न्यूज), Violence on Hindus in Bangladesh: बांग्लादेश में आदिवासियों और अन्य अल्पसंख्यकों पर मराठों के अत्याचार के खिलाफ अब पूरी दुनिया में आवाज उठ रही है। अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में गुटबाजी पर चिंता जताई है। हालांकि पहले यह खबर भी आई थी कि बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है वो अमेरिका के इशारे पर ही हो रहा है, लेकिन अब अमेरिका ही बांग्लादेश की खिलाफत कर रहा है। उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से मानवाधिकारों को बनाए रखने, कानूनी सुरक्षा स्थापित करने और आतंकवादियों पर हमले बंद करने का आग्रह किया।
US Congressman Krishnamoorthi calls on Bangladesh to end anti-Hindu violence, ensure fundamental rights
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— ANI Digital (@ani_digital) December 7, 2024
उन्होंने कहा, “बांग्लादेश और अन्य के खिलाफ बांग्लादेश में जारी हिंसा बर्दास्त नहीं है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।” 25 अक्टूबर को बांग्लादेश में आए इस तूफान के बाद चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ चटगांव में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज पर भगवा झंडा फहराने का आरोप लगाते हुए देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था और उन्हें जमानत मिल गई थी।उनके साथियों के बाद बांग्लादेश में अलग-अलग जगहों पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए।
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चटगांव कोर्ट के बाहर चिन्मय दास और बांग्लादेश के अधिकारियों के बीच हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसमें एक वकील की मौत हो गई। इस्कॉन कोलकाता के आदिपुरुष श्याम दास और रंगनाथ दास ब्रह्मचारी को 29 नवंबर को उस समय गिरफ्तार कर लिया गया था, जब वे न्याय के लिए चिन्मय कृष्ण दास से मिलने गए थे। संगठन के उपाध्यक्ष राधा रमन ने यह भी दावा किया कि दंगाइयों ने बांग्लादेश में इस्कॉन केंद्र में उपद्रव मचाया।
बांग्लादेश में लगातार हो रही हिंसा और चरमपंथी बयानबाजी पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत ने अल्पसंख्यकों पर लक्षित दावों का मुद्दा लगातार बांग्लादेश के सामने उठाया है। इस बीच भारत के विदेश सचिव 9 दिसंबर 2024 को बांग्लादेश का दौरा करेंगे। संत चिन्मय कृष्ण दास के अपराधियों के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि इस मामले में मंत्रियों, न्यायसंगत और निचली अदालतों में कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।
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