संबंधित खबरें
भारत के खिलाफ टेरर साजिश,ड्रग्स सिंडीकेट,एक्सटॉर्शन और विदेशों से इलीगल आर्म्स के जरिए बब्बर खालसा इंटरनेशनल खालिस्तानी आतंकी संगठन खुद को कर रहे हैं मजबूत। NIA के चार्जशीट से खुलासा
दुनिया से छुपते हुए भारत ने कोरियाई प्रायद्वीप पर कर दिया बड़ा खेला, चीन और पाकिस्तान को नहीं लगी जरा सी भी भनक
चीन के बदले सुर, अजीत डोभाल के स्वागत में बिछाया रेड कार्पेट, क्या डोनाल्ड ट्रंप हैं इन सब के पीछे?
मोहम्मद यूनुस के करीबी ने दिखाई अपनी औकात, पोस्ट किया कुछ ऐसा भड़क गया भारत, देगा करारा जवाब!
पुतिन ने चली नई चाल, अफगानिस्तान में तालिबान को दे दी संजीवनी! रूस के फैसले से पूरी दुनिया हुई हैरान
ट्रंप ने एक बार फिर से दी भारत को धमकी, आने वाले समय में बढ़ने वाली है नई दिल्ली की मुश्किलें! जाने क्या है मामला?
India News (इंडिया न्यूज), Palestinian Families Sue US : मिडिल ईस्ट में चल रहे संघर्ष में इजरायली सेना को समर्थन देने के लिए US पर मुकदमा दायर किया गया है। गाजा, वेस्ट बैंक और अमेरिका में रहने वाले 5 फिलिस्तीनियों ने ये मुकदमा दर्ज करवाया है। मुकदमा दायर करने वालों का आरोप है कि अमेरिका ने मानवाधिकारों का हनन किया है। अल जज़ीरा की रिपोर्ट की माने तो मंगलवार (17 नवंबर) को घोषित मुकदमे में राज्य विभाग पर अमेरिकी संघीय कानून को लागू करने में विफल रहने का आरोप लगाया गया है। इसके अलावा दायर मुकदमे में 7 अक्टूबर, 2023 को गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से इजरायल में मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन का भी आरोप लगाया गया है।
दायर रिपोर्ट में बताया गया है कि द्ध शुरू होने के बाद से एक फिलिस्तीनी शिक्षक को सात बार जबरन इधर से उधर ले जाया गया और तो और उनके परिवार के 20 लोग इजरायली हमले में मारे गए। याद दिला दें कि 7 अक्टूबर को हमास की तरफ से इजरायल पर बड़े पैमाने पर आतंकी हमला किया गय था, इन हमलों में 1200 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया था। माना जाता है कि उनमें से लगभग 100 अभी भी गाजा में कैद में हैं।
शिक्षक ने कहा कि, अगर अमेरिका मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन करने वाली इजरायल को सैन्य सहायता देना बंद कर दे तो मेरी पीड़ा काफी कम हो जाएगी। यह मामला लेही कानून के इर्द-गिर्द केंद्रित है। ये एक संघीय विनियमन है, जो अमेरिकी सरकार को विदेशी सैन्य इकाइयों को धन प्रदान करने से रोकता है। वो भी तब जब उन्हें मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन में शामिल रहने की पुख्ता जानकारी हो।
अल जज़ीरा के अनुसार, अमेरिका इजरायल को सालाना कम से कम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता प्रदान करता है। वहीं ब्राउन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने हाल ही में अनुमान लगाया है कि गाजा युद्ध की शुरुआत के बाद से बाइडेन प्रशासन ने अतिरिक्त 17.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर इजरायल को दिए हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने कानून की व्याख्या करते हुए एक फैक्टशीट में कहा है कि उन उल्लंघनों में यातना, हत्याएं, जबरन गायब करना और बलात्कार शामिल हैं।
चीन के बदले सुर, अजीत डोभाल के स्वागत में बिछाया रेड कार्पेट, क्या डोनाल्ड ट्रंप हैं इन सब के पीछे?
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.