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India News (इंडिया न्यूज), US Nuclear Strategy: दुनिया इस समय गंभीर स्थिति से गुजर रहा है। जहां एक तरफ रूस-यूक्रेन और मध्य पूर्व एशिया में युद्ध चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ अमेरिका का चीन, उत्तर कोरिया और रूस के टकराव चल रहा है। इस बीच मंगलवार को प्रकाशित न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस, चीन और उत्तर कोरिया के साथ संभावित समन्वित परमाणु टकराव की तैयारी के लिए अमेरिकी परमाणु रणनीति को मंजूरी दे दी है। व्हाइट हाउस ने मंगलवार को कहा कि इस योजना को अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस साल की शुरुआत में मंजूरी दी थी और यह किसी एक देश या खतरे की प्रतिक्रिया नहीं थी।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सीन सेवेट ने कहा कि रणनीति गोपनीय है, लेकिन इसका अस्तित्व किसी भी तरह से गुप्त नहीं है। इस साल की शुरुआत में जारी किया गया मार्गदर्शन किसी एक इकाई, देश या खतरे की प्रतिक्रिया नहीं है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि परमाणु निवारक नीति चीन के परमाणु शस्त्रागार के तेजी से निर्माण का मुकाबला करने के लिए तैयार की गई है। जो अगले दशक में अमेरिका और रूसी भंडार के आकार और विविधता को टक्कर देगी। यह तब सामने आया है जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में परमाणु हथियारों का उपयोग करने की धमकी दी है। वहीं अमेरिका स्थित आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन ने कहा है कि उसका मानना है कि अमेरिकी परमाणु हथियार रणनीति और रुख वही है जो प्रशासन की 2022 परमाणु रुख समीक्षा में कहा गया है। रूस से हटकर चीन की ओर कोई बदलाव नहीं हुआ है।
आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक डेरिल किमबॉल ने कहा कि अमेरिकी खुफिया अनुमानों से पता चलता है कि चीन साल 2030 तक अपने परमाणु शस्त्रागार का आकार 500 से 1,000 वारहेड तक बढ़ा सकता है। जबकि रूस के पास वर्तमान में लगभग 4,000 परमाणु वारहेड हैं और यह अमेरिकी परमाणु रणनीति के पीछे प्रमुख चालक बना हुआ है। दरअसल, अमेरिका की परमाणु रणनीति में बदलाव के साथ अब यह तय हो गया है कि अमेरिका भी नए परमाणु हथियार बनाएगा। जिससे वैश्विक परमाणु दौड़ में बहुत तेज़ी आएगी। वहीं इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि दुनिया विनाश की राह पर भी चल पड़ी है।
गौरतलब है कि चीन और रूस अब राजनीतिक और आर्थिक रूप से करीब हैं। पिछले महीने चीन और रूस के लंबी दूरी के बमवर्षक विमानों ने पहली बार अलास्का के पास एक साथ गश्त की और दक्षिण चीन सागर में लाइव-फायर अभ्यास किया।
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