India News (इंडिया न्यूज), Action against Houthi Rebels: यमन में हौथी विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिका और ब्रिटेन ने बड़ी कार्रवाई की है। शनिवार, 3 फरवरी को अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन में 36 हौथी ठिकानों पर संयुक्त हमले किए। रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने हमले की जानकारी देते हुए कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन की सेना ने ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा, डेनमार्क, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड की मदद से हौथी विद्रोहियों के कई ठिकानों पर हमला कर उन्हें नष्ट कर दिया है।

ये हमले ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों को खत्म करने के लिए किए जा रहे हैं। रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन का कहना है कि इसका मकसद लाल सागर में शांति और सुरक्षा स्थापित करना है, क्योंकि पिछले कुछ समय से लाल सागर से गुजरने वाले जहाजों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है, जिससे उन्हें खतरों का सामना करना पड़ रहा है। । उन्होंने कहा कि अगर हौथी ने अपने हमले नहीं रोके तो उसे भविष्य में भी इसी तरह के गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

‘लाल सागर की रक्षा करने में संकोच नहीं करेंगे’

रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि लाल सागर दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक है, इसलिए इसकी सुरक्षा के बारे में कोई विचार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हौथी वैध रूप से पार करने वाले अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय जहाजों को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में हमलों के जरिए हाउथिस की क्षमताओं को कम करना जरूरी है। इन हमलों से उन्हें साफ संदेश दिया गया है। ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिकी और ब्रिटिश सेना ने यमन में हौथी हथियार भंडार, मिसाइल सिस्टम, वायु रक्षा प्रणाली और रडार से संबंधित 13 साइटों को निशाना बनाया।

हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में जहाजों को बनाया निशाना

आपको बता दें कि हाल ही में हौथियों ने लाल सागर में एक जहाज को निशाना बनाया है। 27 जनवरी को तेल टैंकर एम/वी मार्लिन पर हमला किया गया और उसमें आग लगा दी गई। पिछले साल नवंबर से हौथी विद्रोहियों ने वाणिज्यिक जहाजों और नौसैनिक जहाजों पर 30 से अधिक हमले किए हैं, जो एक अंतरराष्ट्रीय चुनौती है।

जॉर्डन में हुए हमले में मारे गए 3 अमेरिकी सैनिक

गौरतलब है कि पिछले रविवार को जॉर्डन में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर ड्रोन हमला हुआ था जिसमें 3 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। जिसके जवाब में अमेरिका ने शुक्रवार को सीरिया और इराक में 85 ठिकानों पर हमला किया।

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