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Wagner rebellion: रूस में गृहयुद्ध और तख्तापलट का खतरा टला, प्रिगोजिन ने अपने लड़ाकों को वापस लौटने का दिया आदेश

Divyanshi Singh • LAST UPDATED : June 25, 2023, 6:07 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Wagner rebellion: रुस जहां एक तरफ यूक्रेन के साथ यूद्ध में लगा है। वहीं दूसरी तरफ उसकी प्राइवेट आर्मी ने रुस के खिलाफ बगावत करने का एलान कर दिया। जिसके बाद पूरी दूनीया की नजर रुस पे बनी हुई थी। लेकिन रूस में गृहयुद्ध और तख्तापलट का खतरा टल गया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बगावत करने वाली प्राइवेट आर्मी वैगनर के प्रमुख येवगेनी वी प्रिगोजिन ने अपने लड़ाकों को वापस लौटने का आदेश दिया है। मॉस्को शहर की ओर बढ़ रही यह प्राइवेट आर्मी अब अपने कैंपों की ओर लौट रही है। बता दे उनके प्रमुख प्रिगोजिन भी रूस छोड़कर बेलारूस जाएंगे।

सुलह कराने में बेलारूस के राष्ट्रपति का बड़ा रोल

वैगनर समूह के पीछे हटने में पिछे सबसे बड़ा रोल बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको का बताया जा रहा है। लुकाशेंको ने शनिवार देर रात कहा कि मैंने वैगनर प्रिगोजिन और रूस के बीच समझौता कराया है। इसके बाद वैगनर ग्रुप ने अपने सैनिकों को पीछे हटने को कहा है, ताकि खून खराबा रोका जा सके।

रूस छोड़कर बेलारूस जाएंगे प्रिगोजिन

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री एस पेसकोव ने बताया कि प्रिगोजिन के खिलाफ चल रहे सभी क्रिमिनल केस बंद कर दिए जाएंगे। ग्रुप के जो लड़ाके हैं, उन पर भी कार्रवाई नहीं होगी। प्रिगोजिन को रूस छोड़कर बेलारूस जाना पड़ेगा। वैगनर के लड़ाके जो विद्रोह में शामिल नहीं हुए थे, वे रूसी रक्षा मंत्रालय के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर करना होगा। एक जुलाई से सभी लड़ाके डिफेंस मिनिस्ट्री के तहत काम करेंगे।

क्या है पूरा मामला

प्राइवेट आर्मी वैगनर के प्रमुख येवगेनी वी प्रिगोजिन ने यूक्रेन में अपने शिविर पर रूसी सेना की ओर से हमले का आरोप लगाया था। उन्होने रूसी रक्षा मंत्री और शीर्ष सैन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने रूसी सेना पर अपने सैनिकों को गोला-बारूद और अन्य सुविधाएं भी नहीं देने का भी आरोप लगाया था। रूस ने प्रिगोझिन के आरोपों को खारिज कर दिया था। मांग नहीं माने जाने के बाद प्रिगोझिन अपने लड़ाकों के साथ शुक्रवार को यूक्रेन से रूस की सेना में घुस आए थे और मॉस्को से लगभग 1,000 किलोमीटर दक्षिण में स्थित रोस्तोव शहर पर कब्जा कर लिया था। उन्होंने अपने कदम को तख्तापलट मानने से इनकार कर दिया था और इसे न्याय के लिए मार्च बताया था। यह धमकी भी दी थी कि उनके रास्ते में जो भी आएगा उसे खत्म कर दिया जाएगा।

वैगनर ग्रुप क्या है?  

आधिकारिक तौर पर वैगनर समूह को  PMC वैगनर कहा जाता है। यह समूह 2014 में पहली बार चर्चा में आया। तब यह समूह पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादियों की मदद कर रहा था। उस समय यह एक गुप्त संगठन था। इस संगठन पर दुनियाभर के अलग-अलग देशों में रूसी सरकार के लिए छद्म युद्ध लड़ने के आरोप लगे।
मध्य अफ्रीका देशों में सक्रिय था यह ग्रुप
कहा जाता है कि यह संगठन अफ्रीका और मध्य पूर्व में सक्रिय था। खासतौर पर लीबिया, सीरिया, मोजाम्बिक, माली, सूडान और मध्य अफ्रीका के देशों में इस समूह के गृह युद्ध में शामिल होने के आरोप लगे। 2015 से 2018 के बीच वैगनर ग्रुप रूस की सेना और बशर अल-असद की टुकड़ियों के साथ भी लड़ा है।

रूस की निजी सैन्य कंपनी 

इस समूह को रूस की निजी सैन्य कंपनी के तौर पर जाना जाता है। पिछले साल युद्ध शुरू होने के बाद रूस की तरफ से इस ग्रुप को यूक्रेन के राष्ट्रपति को ही निशाना बनाने की सुपारी दी गई थी। बताया गया था कि रूस ने किराए पर काम करने वाले हत्यारों के समूह- वैगनर ग्रुप को जेलेंस्की की हत्या का जिम्मा सौंपा था।

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