इंडिया न्यूज: What Is Gun Culture In America? कहावत है ना ”आज का युवा देश का भविष्य है’। किसी देश को संवारने में युवा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। घर व देश को किस मोड़ पर ले जाना है, यह कहीं न कहीं युवा के हाथ होता है। लेकिन हाल ही में अमेरिका के 18 साल युवा ने इस कहावत को तो शर्मसार किया। साथ ही अपने माता-पिता व देश ”अमेरिका” का नाम भी शर्मसार कर दिया। जिस उम्र में उसे पढ़ लिखकर कुछ बनकर मां-पापा का नाम रोशन करना था, उस उम्र में उसने बंदूक पकड़ ली और बढ़ चला अपराध की दुनिया में।
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बीते दिनों अमेरिका के टेक्सास में एक एलिमेंट्री स्कूल के अंदर 18 साल के युवक ने अंधाधुध फायरिंग कर 21 लोगों को मौत की नींद सुला दिया। हालांकि पुलिस ने हमलवार को मार गिराया है। इस घटना के बाद अमेरिका सरकार ने 4 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया। तो चलिए जानते हैं अमेरिका में लगातार हो रही इस तरह की घटनाओं के पीछे क्या वजह है,अमेरिका का कुख्यात गन कल्चर क्या है। कैसे हर साल हजारों लोगों की जान ले लेता है गन कल्चर।
अमेरिका में कभी ब्रिटिश सत्ता थी। अमेरिका के लोगों ने बंदूक के दम पर ब्रिटिश शासन से लड़कर देश को आजाद कराया। हालांकि, बंदूक से मिली आजादी को देखते हुए वहां की सरकारों ने लोगों को हथियार रखने की छूट दे दी। धीरे-धीरे समय बदलता गया और गन कल्चर (हथियार रखना) अमेरिकी रहन-सहन का हिस्सा बन गया। यहां तक कि इसके लिए कोई सख्त कानून भी नहीं है, जिसके चलते अब इसका दुरुपयोग बढ़ता जा रहा है।
एसएएस की रिपोर्ट अनुसार, अमेरिका की जनसंख्या से ज्यादा वहां नागरिकों के पास बंदूकें, यानी सिविलियन गन हैं। अमेरिका की आबादी करीब 33 करोड़ है और वहां सिविलियन गन करीब 40 करोड़ हैं। अमेरिका में हर 100 लोगों पर 120 बंदूकें उपलब्ध हैं। 2011 में ये संख्या प्रति 100 लोगों पर 88 बंदूकों की थी। अमेरिका के बाद इस मामले में दूसरे नंबर पर यमन है, जहां हर 100 लोगों पर 53 बंदूकें उपलब्ध हैं।
रिपोर्ट्स मुताबिक, जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 के दौरान अमेरिका में 75 लाख वयस्कों ने पहली बार बंदूक खरीदी। इससे अमेरिका में 1.1 करोड़ लोगों के घर में पहली बार बंदूक पहुंच गई, जिनमें 50 लाख बच्चे शामिल थे। इस दौरान पहली बार बंदूक खरीदने वालों में से आधी की खरीदार महिलाएं थीं, जबकि करीब 40 फीसदी बंदूकें अश्वेतों ने खरीदीं।
कहा जाता है कि अमेरिका में भले ही 21 साल की उम्र से पहले शराब खरीदना गैरकानूनी माना जाता हो, लेकिन 18 साल की उम्र से पहले बंदूक और राइफल खरीदने की छूट है। यहां तक कि मिलिट्री वाली राइफल खरीदने के लिए कोई ठोस कानून नहीं है। इससे अमेरिका के युवा मनमाने ढंग से इन खतरनाक हथियारों को आसानी से खरीदते हैं और बाद में पर्सनल दुश्मनी या मानसिक अवसाद के चलते इन्हीं हथियार के जरिए लोगों के जिंदगियों से खेलते हैं।
अगर विशेषज्ञों की मानें तो अमेरिका में बढ़ता गन कल्चर इस तरह की मास किलिंग का प्रमुख कारण है। लेकिन सस्ते में और आसानी से मिल रहे जानलेवा हथियार इसका सबसे बड़ा कारण नहीं हैं। अमेरिका में बढ़ता ओपन कल्चर भी इसकी एक बड़ी वजह है। वहां बच्चे कम उम्र में ही मनमानी तरीके से जीने लगते हैं। फ्रीडम यानी आजादी के नाम पर वो परिवार से अलग रहते हैं, अपने फैसले खुद करने लगते हैं। इससे कई बार मानसिक अवसाद बढ़ता है। उन्हें समझाने वाला कोई नहीं होता। ऐसे में युवा कई बार इस तरह के कदम उठाते हैं।
नागरिकों के बंदूक रखने के मामले में अमेरिका दुनिया में सबसे आगे है। स्विट्जरलैंड के स्मॉल आर्म्स सर्वे की रिपोर्ट मुताबिक दुनिया में मौजूद कुल 85.7 करोड़ सिविलियन गन यानी बंदूकों में से अकेले अमेरिका में ही 39.3 करोड़ सिविलयन बंदूक मौजूद हैं। दुनिया की आबादी में अमेरिका का हिस्सा 5 फीसदी है, लेकिन दुनिया की कुल सिविलियन गन में से 46 फीसदी अकेले अमेरिका में हैं।
अक्टूबर 2020 में आए गैलप सर्वे के मुताबिक, 44 फीसदी अमेरिकी वयस्क उस घर में रहते हैं, जहां बंदूकें हैं, इनमें से एक तिहाई वयस्कों के पास बंदूकें हैं। दुनिया में केवल तीन ही देश ऐसे हैं, जहां बंदूक रखना संवैधानिक अधिकार है। अमेरिका, ग्वाटेमाला और मैक्सिको। हालांकि, अमेरिका की तुलना में ग्वाटेमाला और मैक्सिको में लोगों के पास काफी कम बंदूकें हैं। साथ ही पूरे मैक्सिको में केवल एक ही गन स्टोर है, जिस पर आर्मी का नियंत्रण है।
5 साल पहले अमेरिका में एक सर्वे हुआ था। इसमें सामने आया कि वहां के करीब 40 फीसदी लोगों के पास गन (बंदूक) है। इसके अलावा अमेरिकी कानून के मुताबिक वहां हथियार खरीदना दूसरे मुल्कों की तुलना में बेहद सस्ता है। अमेरिकी एक्सपर्ट्स का मानना है कि हथियार के लाइसेंस देने से पहले उसे रखने वाले की हिस्ट्री और बैकग्राउंड चेक करना जरूरी होता है। इससे काफी हद तक फायरिंग के मामलों को रोका जा सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में बंदूक से हुई हिंसा की वजह से पिछले 50 वर्षों में 15 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। ये संख्या 1776 में अमेरिका की आजादी के बाद से पिछले करीब 250 सालों में अमेरिका के सभी युद्धों में मारे गए कुल सैनिकों की संख्या से भी ज्यादा है।
यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन रिपोर्ट मुताबिक औसतन अमेरिका में हर दिन 53 लोगों की मौत बंदूक की वजह से होती है। इस रिपोर्ट मुताबिक अमेरिका में 79 फीसदी हत्याएं बंदूकों से होती हैं। एक रिपोर्ट अनुसार 2002 से 2011 के बीच अमेरिका में बंदूक कल्चर की वजह से हर साल करीब 11 हजार लोगों ने अपनी जान गंवाई। रिपोर्ट मुताबिक, अमेरिका बंदूक की वजह से होने वाली लोगों की हत्याओं के मामले में दुनिया में सबसे आगे है।
2019 में अमेरिका में बंदूक से हर एक लाख लोगों में करीब 4 लोगों की हत्याएं हुईं, ये अन्य विकसित देशों की तुलना में 18 गुना ज्यादा हैं। बंदूक से होने वाली प्रति व्यक्ति मौतों के मामले में भी अमेरिका सबसे आगे है। इस मामले में अमेरिका में कनाडा से 8 गुना ज्यादा, यूरोपियन यूनियन से 22 गुना और आॅस्ट्रेलिया से 23 गुना ज्यादा मौतें हुईं। 2020 में अमेरिका में बंदूक से संबंधित इंजरी से 45,222 लोगों की मौत हुई। 2019 में ऐसी मौतों की संख्या 38,355 थी।
एजूकेशन वीक की रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 से अमेरिका में स्कूलों में 119 गोलीबारी की घटनाएं हो चुकी हैं। अकेले 2022 में ही वहां स्कूलों में गोलीबारी की 27 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 140 की मौत हुई है। 2021 में गोलीबारी में 250 लोगों को निशाना बनाया गया था, जिनमें से 103 लोगों की मौत हो गई थी।
अमेरिका अपनी आजादी के 231 साल बाद भी इस कानून को नहीं बदल पाया है। इसकी दो प्रमुख वजहें हैं। पहली-कई अमेरिकी राष्ट्रपति से लेकर वहां के राज्यों के गवर्नर तक इस गन कल्चर को बनाए रखने की वकालत करते रहे हैं। थियोडेर रूजवेल्ट से लेकर फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट, जिमी कार्टर, जॉर्ज बुश सीनियर, जॉर्ज डब्ल्यू बुश और डोनाल्ड ट्रंप तक कई अमेरिकी राष्ट्रपति गन कल्चर की तरफदारी करते रहे हैं। गैलप की 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डेमोक्रेटिक पार्टी के 91 फीसदी सदस्य सख्त गन लॉ बनाने के पक्ष में थे, तो वहीं रिपलब्किन पार्टी के 24 फीसदी लोग ही इसके पक्ष में थे। जो बाइडेन डेमोक्रेटिक पार्टी से हैं, जबकि डोनाल्ड ट्रंप रिपलब्किन से हैं।
दूसरी वजह गन बनाने वाली कंपनियां, मतलब गन लॉबी भी इस कल्चर के बने रहने की प्रमुख वजह है। 2019 की रिपोर्ट मुताबिक, अमेरिका में 63 हजार लाइसेंस्ड गन डीलर थे, जिन्होंने उस साल अमेरिकी नागरिकों को 83 हजार करोड़ रुपए की बंदूकें बेची थीं। अमेरिका में सबसे ताकतवर गन लॉबी है तो वो है नेशनल राइफल एसोसिएशन यानी एनआरआई। जो वहां संसद सदस्यों को प्रभावित करने के लिए जमकर पैसा खर्च करती है।
बता दें कि 1783 में अमेरिका को ब्रिटेन से आजादी मिली। इसके बाद अमेरिका में संविधान बना और 1791 में उसी के तहत अमेरिका के लोगों को हथियार रखने का अधिकार मिला। जिस तरह भारत में लोग आसानी से मोबाइल और सिम खरीदते हैं, उसी तरह अमेरिका में लोग हथियार खरीद लेते हैं। लेकिन इस गन कच्लर की कीमत अमेरिका अब भुगत रहा है।
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