862
No Kings Protest in America: अमेरिका में एक नाम इस वक्त काफी चर्चा में बना हुआ है, जो है नो किंग्स प्रोटेस्ट (No Kings Protest). न्यूयॉर्क से लेकर वाशिंगटन तक हजारों लोग कोई राजा नहीं का नारा लगाते हुए सड़कों पर उतरे. यह प्रदर्शन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की नीतियों और बढ़ती केंद्रीय शक्ति के खिलाफ था.
कब शुरू हुआ था नो किंग प्रोटेस्ट?
नो किंग्स प्रोटेस्ट की शुरुआत जून 2025 में हुई थी. अमेरिका के विभिन्न शहरों में लोग सड़कों पर उतरने लगे ताकि ट्रंप को यह संदेश दिया जा सके कि अमेरिका में राजशाही जैसी शक्ति किसी एक व्यक्ति के हाथ में नहीं हो सकती. प्रदर्शनकारी लोकतंत्र की रक्षा के लिए जुटे और उन्होंने कहा कि निरंकुश सत्ता अमेरिका की लोकतांत्रिक परंपरा के खिलाफ है.
18 अक्टूबर का बड़ा प्रदर्शन
18 अक्टूबर को अमेरिका के कई बड़े शहरों में 2000 से अधिक रैलियां आयोजित की गईं. न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में हजारों लोग इकट्ठा हुए और शांतिपूर्ण ढंग से ट्रंप की नीतियों के खिलाफ विरोध जताया. प्रदर्शन में “कोई राजा नहीं!” और लोकतंत्र के लिए समर्थन के नारे लगाए गए.
क्या है नो किंग्स का उद्देश्य
प्रदर्शन में ‘किंग्स’ शब्द एक प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया गया. इसका मतलब यह था कि किसी एक व्यक्ति के पास असीमित शक्ति नहीं होनी चाहिए. प्रदर्शनकारियों का मानना है कि ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में सत्ता का केंद्रीकरण बढ़ाया और कार्यपालिका, न्यायपालिका और व्यवस्थापिका के बीच संतुलन बिगाड़ा.
ट्रंप की नीतियों के खिलाफ विरोध
डोनाल्ड ट्रंप की कई नीतियों के कारण आम अमेरिकी परेशान हैं। प्रदर्शनकारियों ने मुख्य रूप से इन मुद्दों पर नाराजगी जताई:
- टैरिफ नीति और आर्थिक फैसले
- प्रवासी नीति में कठोर कदम
- अल्पसंख्यक, LGBTQ+ और महिलाओं के अधिकारों पर निर्णय
- वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट पर आपत्ति
प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी झंडे लहराए और ट्रंप के निरंकुश कदमों के खिलाफ नारे लगाए.
प्रदर्शन को अमेरिकी नेताओं का मिला समर्थन
इस प्रदर्शन को कई अमेरिकी नेताओं का समर्थन भी मिला, जिनमें सिनेटर बर्नी सैंडर्स और अलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज शामिल हैं. प्रदर्शनकारी कहते हैं कि उनका मकसद अपने देश में लोकतंत्र की रक्षा करना और प्रशासनिक अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों की याद दिलाना है.