संबंधित खबरें
PM Modi के मजबूत नेतृत्व के सामने झुकी अमेरिका, बदलना पड़ा ये कानून, मुंह ताकते रह गए जिनपिंग-शहबाज
न अमेरिका, न यूरोप, 1 टीवी शो की वजह से रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ गई जंग, वो एक्टर जो आगे चलकर बना राष्ट्रपति और बर्बाद कर दिया अपना देश
दुश्मनों के बदले अपने ही लड़ाकू विमान पर दाग दिया गोला, अब दुनिया में बन रहा है मजाक, जाने जेट पायलटों का क्या हुआ हाल?
यूक्रेन ने युद्ध के मैदान में उतारी रोबोट सेना, रूसी सेना के खिलाफ दर्ज की पहली जीत, पुतिन की बढ़ गई सांसे
ट्रंप की दबंगई की चालू, चीन और यूरोपीय देशों के बाद इस देश को दे डाली धमकी, दुनिया भर में मची हड़कंप
'किसी भी तरह की घुसपैठ बर्दाश्त नहीं…' जिसने दिया खाने को रोटी, पाकिस्तान उसी देश को दिखा रहा आंख
India News (इंडिया न्यूज),Russia-Ukraine war: रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध में अब उत्तर कोरिया भी कूद पड़ा है। अमेरिका ने दावा किया है कि यूक्रेन की सीमा के पास रूस के समर्थन में उत्तर कोरिया के 8000 से 10 हजार सैनिक मौजूद हैं। वहीं यूक्रेन ने अपनी खुफिया एजेंसी के हवाले से दावा किया है कि उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने रूस की तरफ से युद्ध में 11 हजार सैनिक भेजने का फैसला किया है। हालांकि रूस ने इससे इनकार किया है और कहा है कि वह कुछ भी करने में सक्षम है। अब अगर उत्तर कोरिया युद्ध में कूद पड़ा है तो आइए जानते हैं कि उसकी सेना और यूक्रेन की सेना में से कौन ज्यादा ताकतवर है। इतनी बड़ी है उत्तर कोरिया की सेना भले ही उत्तर कोरिया के सामने लाख चुनौतियां हों और अनाज तक की कमी हो, लेकिन इसके बावजूद उसकी सेना (कोरियन पीपुल्स आर्मी) दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना है। उत्तर कोरिया के पास कम से कम 13 लाख सक्रिय सैनिक हैं। इसके अलावा रिजर्व में 76 लाख सैनिक हैं। यह आंकड़ा उत्तर कोरिया की कुल आबादी का 30 फीसदी है। उत्तर कोरिया में पुरुषों को कम से कम आठ से 10 साल और महिलाओं को पांच साल तक सेना में सेवा देनी होती है। इस तानाशाही देश के पास 4,300 टैंक, 8,800 तोपें और 810 लड़ाकू विमान हैं। नौसेना की बात करें तो उसके पास 70 पनडुब्बियां हैं।
उत्तर कोरिया में मिलिट्री फर्स्ट पॉलिसी के तहत सरकारी संसाधनों का सबसे बड़ा हिस्सा यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का एक-चौथाई हिस्सा सेना को मिलता है। सेना मत्स्य पालन, खनन के साथ-साथ व्यापारिक कंपनियां भी चलाती है और उसका एक बड़ा नेटवर्क है। उत्तर कोरिया में किम जोंग उन के सत्ता में आने के बाद उसका काफी आधुनिकीकरण भी हुआ है। उत्तर कोरिया ने परमाणु मिसाइलें विकसित कर ली हैं। आज उसके पास 5,000 टन रासायनिक हथियारों का भंडार भी है। उत्तर कोरिया की सेना में 6,800 हैकर भी शामिल हैं। वे साइबर युद्ध में प्रशिक्षित हैं और दुश्मन के कंप्यूटर नेटवर्क को नष्ट कर सकते हैं।
दक्षिण कोरिया ने दावा किया है कि उत्तर कोरिया द्वारा रूस भेजे गए सैनिक उत्तर कोरिया के विशेष अभियान बल का हिस्सा हैं. यह विशेष अभियान बल उत्तर कोरियाई सेना की पांच शाखाओं में से एक है. इन सैनिकों को आक्रामक अभियानों में विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता है. इन सैनिकों को लाइटनिंग, स्टॉर्म और थंडरबोल्ट जैसी इकाइयों में तैनात किया जाता है. इन्हें स्नाइपर के रूप में भी प्रशिक्षित किया जाता है.
यूक्रेन के सशस्त्र बलों में 2 से 3 लाख सक्रिय सैनिक हैं. इसके रिजर्व सैनिकों की संख्या नौ लाख है और इसे दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी सेना माना जाता है. इस देश के पास 2596 युद्धक टैंक हैं. इसके पास 12303 बख्तरबंद सैन्य वाहन हैं. 2040 तोपें भी यूक्रेनी सेना में शामिल हैं. वायुसेना की बात करें तो यूक्रेन के पास 772 विमान और 98 लड़ाकू विमान हैं. इसके पास 34 अटैक हेलीकॉप्टर भी हैं. यूक्रेनी नौसेना के पास 38 जहाज हैं. इसके पास कोई पनडुब्बी नहीं है. यूक्रेन का कुल रक्षा बजट 5.4 बिलियन डॉलर है. हालांकि रूस के हमले के बाद से यूक्रेन लगातार अपनी सैन्य क्षमताओं का विस्तार कर रहा है और जवाबी हमला कर रहा है। यूक्रेन के पास अमेरिका का हथियार डिपो भी है, जहां से यूक्रेन समेत दूसरे देशों को आसानी से हथियार मिल जाते हैं। अमेरिका ने उसे एफ-16 जैसे लड़ाकू विमानों से भी लैस किया है।
आधुनिक युद्ध में ड्रोन का महत्व बढ़ रहा है और यूक्रेन रूस के खिलाफ इनका जमकर इस्तेमाल कर रहा है। उसके पास आग उगलने वाले ड्रैगन ड्रोन का खास बेड़ा है, जिसने रूसी सेना में तबाही मचा रखी है। आग उगलने वाले विमानों का इस्तेमाल पहले और दूसरे विश्व युद्ध में किया गया था, जिनकी जगह अब इन ड्रोन ने ले ली है। इनमें पिघली हुई थर्माइट धातु का इस्तेमाल होता है, जो किसी भी चीज को जला सकती है।
नाटो सदस्य देश, जिनसे रूस यूक्रेन के साथ दोस्ती करने से इनकार करता रहा है और जो असल में युद्ध की वजह बने, वे भी यूक्रेन के साथ खड़े हैं। रूस के साथ युद्ध शुरू होने से पहले ही अमेरिका, स्वीडन, ब्रिटेन, तुर्की समेत दूसरे देशों समेत नाटो सदस्य देशों ने यूक्रेन को हथियार भेजे थे।
अमेरिका ने युद्धपोतों और विमानों के जरिए यूक्रेन को मिसाइलें और गोला-बारूद भेजे थे। यह भी कहा गया कि अमेरिकी सेना ने यूक्रेनी सेना को गुरिल्ला युद्ध का प्रशिक्षण भी दिया था। ब्रिटेन ने यूक्रेन को एंटी-एयरक्राफ्ट और एंटी-टैंक मिसाइलों का पूरा जखीरा भेजा था। तुर्की ने यूक्रेन की सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए 100 अटैक ड्रोन दिए थे। स्वीडन और फ्रांस समेत कई दूसरे देशों ने भी यूक्रेन को भारी सैन्य मदद दी थी। युद्ध के दौरान भी यह सिलसिला जारी है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.