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India News (इंडिया न्यूज), Who is Mojtaba Khamenei: मध्य-पूर्व में लगातार टेंशन के हालत बने हुए हैं। इस बीच इस्लामिक देश ईरान में काफी हलचल है। दरअसल, सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई द्वारा अचानक अपने बेटे मोजतबा को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करने की खबर ने सभी को चौंका दिया है। यह कदम ईरान की पवित्र शासन प्रणाली (विलायत-ए-फकीह) और उसके भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े करता है। बता दें कि, ईरान इस समय अपने समर्थित इस्लामिक संगठन हमास, हिजबुल्लाह और हौथी की मदद से इजरायल के साथ जंग लड़ रहा है।
बता दें कि, मोजतबा खामेनेई अयातुल्ला अली खामेनेई के दूसरे बेटे हैं। उनका जन्म 8 सितंबर 1969 को ईरान के मशहद में हुआ था। उन्होंने धर्मशास्त्र का अध्ययन किया और 1999 में मौलवी बनने के लिए पढ़ाई की। दरअसल, मोजतबा की पहचान एक धार्मिक और राजनीतिक शख्सियत के तौर पर है। वह सुप्रीम लीडर के कार्यालय में एक कमांडिंग ऑफिसर की भूमिका निभाते हैं। उन्हें अपने पिता के संभावित उत्तराधिकारी के तौर पर तैनात किया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मृत्यु के बाद मोजतबा ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जो उत्तराधिकारी के लिए शीर्ष दावेदार हैं।
ब्रिटानिका की रिपोर्ट के अनुसार मोजतबा खामेनेई 1987 में माध्यमिक विद्यालय की पढ़ाई पूरी करने के बाद IRGC से जुड़े। उन्होंने ईरान-इराक युद्ध (1980-88) के अंत में अपनी सेवाएं दीं। उस समय तक युद्ध ने ईरान को तबाह कर दिया था। वहीं शासन को उम्मीद थी कि लगातार लड़ाई करके वह इराक पर बढ़त हासिल कर सकता है, लेकिन 1988 में इराक ने युद्ध में अपनी पकड़ मजबूत कर ली। इसके कारण ईरान को उसी साल जुलाई में संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से युद्ध विराम स्वीकार करना पड़ा। दरअसल, 21वीं सदी की शुरुआत तक, मोजतबा ने न केवल IRGC के भीतर बल्कि ईरान के शीर्ष मौलवियों के साथ भी मजबूत संबंध विकसित कर लिए थे। सर्वोच्च नेता के कार्यालय में उनकी भागीदारी ने उनके शक्तिशाली नेटवर्क का और विस्तार किया। मोजतबा ने 2009 में ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शनों को दबाने में अहम भूमिका निभाई थी।
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