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India News (इंडिया न्यूज),Saudi Arabia:मुस्लिम देश सऊदी अरब ने निवेशकों के लिए बड़ा ऐलान किया है। सऊदी में निवेश का सपना अब साकार हो गया है। देश में निवेश के लिए नए रास्ते खुल गए हैं। जहां पहले हजारों भारतीय मुसलमान हर साल हज और उमराह के लिए मुस्लिम देश जाते थे। अब भारतीय हिंदुओं समेत हर धर्म के लोग सऊदी में निवेश और कारोबार कर सकते हैं। सऊदी अरब ने देश में रियल एस्टेट में निवेश बढ़ाने के लिए नए रास्ते खोले हैं और सभी को इससे जुड़ने और प्रॉपर्टी निवेश करने का मौका दिया है। इस योजना में अब हर देश के लोग मक्का और मदीना में निवेश करने के लिए आगे आ सकते हैं। रियल एस्टेट में निवेश के रास्ते खुले सऊदी अरब गैर-सऊदी लोगों को मक्का और मदीना में सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों में निवेश करने की अनुमति दे रहा है।
। हाल ही में कैपिटल मार्केट अथॉरिटी ने इस बारे में बयान जारी किया है। बयान के मुताबिक, सोमवार 27 जनवरी से विदेशियों को मक्का और मदीना में निजी या सार्वजनिक संपत्ति वाली फर्मों में शेयर और परिवर्तनीय ऋण उपकरण खरीदने की अनुमति होगी। हालांकि, गैर-मुस्लिम अब सऊदी में रियल एस्टेट में निवेश कर सकते हैं, लेकिन वे अभी भी देश में सीधे संपत्ति नहीं खरीद सकते हैं।
कैपिटल मार्केट अथॉरिटी के एक बयान के अनुसार, इस योजना के तहत विदेशी निवेशक उन फर्मों में शेयर खरीद सकते हैं, जिनके नाम सऊदी स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत हैं। इसके साथ ही निवेशकों को मक्का और मदीना तक ही सीमित फर्मों में निवेश करने की स्वतंत्रता है। योजना की शर्तों के अनुसार, विदेशी निवेशक किसी कंपनी में 49% से अधिक शेयर नहीं खरीद सकते हैं।
सऊदी अरब एक तेल समृद्ध देश है, जिसकी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा तेल पर निर्भर करता है, लेकिन सऊदी पिछले कुछ समय से तेल पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहा है और अपने निवेश और पर्यटन को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
सऊदी अरब विजन 2030 के तहत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। जिसमें विदेशी निवेशकों को निवेश बढ़ाने के लिए काफी रियायतें दी जा रही हैं। सऊदी अरब मक्का और मदीना में भी कई प्रोजेक्ट चला रहा है क्योंकि उसका लक्ष्य 2030 तक हर साल 30 मिलियन तीर्थयात्रियों को देश में आमंत्रित करना है।
जबकि सऊदी ने विदेशी निवेशकों को निवेश की अनुमति दी है, यह सवाल उठना बहुत स्वाभाविक है कि मक्का और मदीना में ही रियल एस्टेट फर्मों में निवेश की अनुमति क्यों दी गई है। इसका कारण स्पष्ट है। इसका सीधा संबंध हज और उमराह तीर्थयात्रा से है।
हर साल लाखों तीर्थयात्री सऊदी अरब पहुंचते हैं। जहां लोग साल में एक बार हज करने पहुंचते हैं, वहीं उमराह करने के लिए लोग साल भर आते-जाते रहते हैं। तीर्थयात्री मक्का और मदीना में रुकते हैं और उन्हें वहां ठहरने के लिए होटलों की आवश्यकता होती है, इस वजह से देश ने रियल एस्टेट फर्मों में निवेश बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं।
देश में होने वाली तीर्थयात्रा का देश की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ता है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 में सऊदी ने हज और उमराह से 12 मिलियन डॉलर तक की कमाई की।
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