इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Taiwan Issue Will be Resolved: चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ताइवान के चीन में शामिल किए जाने के मद्देनजर शनिवार को साफ कर दिया है कि ताइवान का मसला सुलझाया (Taiwan Issue Will be Resolved) जाएगा और इस सिलसिले में कोई बाहरी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को स्वतंत्र देश मानता है और उसी के हिसाब से ताइवान अपनी गतिविधियां चलाता है।

Chinese President said Taiwan Issue Will be Resolved

चिनफिंग के बयान से अमेरिका को चुनौती

चीनी राष्ट्रपति का यह बयान अमेरिका को सीधी चुनौती है। हाल ही में चीन के लड़ाकू विमानों ने चंद रोज में 150 बार से ज्यादा ताइवान (Taiwan Issue Will be Resolved) की वायु सीमा का उल्लंघन किया था। तब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चिनफिंग से टेलीफोन पर बात की थी और दावा किया था कि दोनों पक्ष ताइवान नीति का पालन करने पर सहमत हैं। लेकिन चिनफिंग का ताजा बयान सीधा अमेरिका को चुनौती देता दिख रहा है।

 

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ताइवान की सेना सबसे बड़ी बाधा

 

चीन की संसद ने ताइवान (Taiwan Issue Will be Resolved) पर कब्जे के लिए चीनी सेना के इस्तेमाल का प्रस्ताव 2005 में ही पारित कर दिया था देश की शाही सत्ता के खात्मे की 110 वीं वर्षगांठ पर बीजिंग के ग्रेट हाल आफ द पीपुल्स में राष्ट्रपति चिनफिंग ने कहा, चीन के एकीकरण की राह में ताइवान की सेना सबसे बड़ी बाधा है। जब तक ताइवान चीन में शामिल नहीं होता, तब तक चीन को संपूर्ण नहीं माना जा सकता। संपूर्ण चीन हमारा इतिहास है, चीन के लोगों के लिए यह सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण तथ्य है।

 

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1949 में चीन से अलग हुआ था ताइवान

वर्ष 1911 में चीन में सुन यत-सेन के नेतृत्व में हुई क्रांति ने 2,132 साल पुरानी राजशाही को खत्म किया था। इसी के बाद चीनी गणतंत्र की शुरूआत हुई थी और माओ त्से तुंग की अगुआई वाले आंदोलन से 1949 में पीपुल्स रिपब्लिक आफ चाइना (वर्तमान चीन) की स्थापना हुई थी। लेकिन 1949 में ही ताइवान अलग हो गया था और तभी से वह स्वतंत्र देश के रूप में कार्य कर रहा है। 2012 में सत्ता संभालने के बाद ही चिनफिंग कई मौकों पर ताइवान को चीन में फिर से शामिल करने की इच्छा जता चुके हैं।

 

 

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