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India News (इंडिया न्यूज), Yahya Sinwar: इजरायल ने हमास नेता याह्या सिनवार को मौत के घाट उतार दिया है। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि बीते हफ्ते गाजा में इजरायल के हमले में मौत हो गई थी। याह्या सिनवार हमास का सबसे प्रमुख नेता था। हम आपको बता दें कि हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत के बाद याह्या सिनवार को ही हमास का चीफ बनाया गया था। इजरायल पर 7 अक्टूबर 2023 को किए गए हमले के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास, हिजबुल्लाह जैसे आतंकी संगठन को खत्म करने की कसम खाई थी। इसके बाद इजरायल ने एक-एक करके सबको खत्म करना भी शुरू कर दिया।
सबसे पहले इजरायल ने ईरान में इस्माइल हानिया पर हमला करके उसे मौत की नींद सुला दी, फिर हिजबुल्लाह कमांडर हसन नसरल्लाह को लेबनान में मार गिराया। फिर कुछ दिनों पहले हमास चीफ याह्या सिनवार को मौत की नींद सुला दिया। जिसके वीडियो आईडीएफ ने जारी किए थे।
याह्या सिनवार हमास का सबसे खास नेता था और गाजा के युवाओं में इनकी खासी लोकप्रियता थी। ऐसे में उसकी मौत को फिलिस्तीनी गुट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। याह्या सिनवार की मौत पर वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट कहती है कि याह्या सिनवार के पास जिंदा गाजा छोड़कर जाने का मौका था। लेकिन उसने ही इससे इनकार दिया था। इस रिपोर्ट में ये भी दावा किया जा रहा है कि अगर उसने गाजा छोड़ दिया होता तो उसकी जान बच सकती थी। हम आपको बता दें कि, वॉल स्ट्रीट जर्नल ने रविवार को अमेरिका, अरब और हमास के अधिकारियों का हवाला देते हुए एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें कहा गया है कि याह्या सिनवार ने मिस्र को हमास के स्थान पर गाजा में युद्धविराम समझौते पर बातचीत की इजाजत देने के बदले में जिंदा रहने और गाजा पट्टी छोड़ने के अवसर को अस्वीकार किया था।
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बताया जा रहा है कि अरब के वार्ताकारों ने कथित तौर पर सिनवार के सामने ये डील रखी थी। याह्य ने इसे कबूल नहीं किया और इजरायल के खिलाफ युद्ध जारी रखा। इसी युद्ध में 16 अक्टूबर को उसकी जान चली गई। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, याह्या सिनवार ने युद्ध शुरू होने के बाद कथित तौर पर अरब मध्यस्थों की भारी बेइज्जती भी की थी। उसने एक संदेश में अरब मध्यस्थों को कहा था, ‘मैं घेराबंदी में नहीं हूं, मैं फिलिस्तीनी धरती पर हूं। मैं फिलिस्तीन नहीं छोड़ूंगा।’ इसके अलावा ये भी दावा किया जा रहा है कि, सिनवार ने कथित तौर पर गाजा के बाहर स्थित हमास अधिकारियों को कहा था कि किसी भी डील में कमजोर ना पड़ें, उसे लगता था कि गाजा में हो रही मौतों की वजह से इजरायल पर बढ़ता वैश्विक दबाव उसे समझौते पर मजबूर करेगा।
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