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India News (इंडिया न्यूज),Bangladesh:पिछले दो सालों से चल रहे बिजली और गैस आपूर्ति संकट के कारण बांग्लादेश में कपड़ा उद्योग को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। पिछले दो सालों में बांग्लादेश को मिलने वाले ऑर्डर का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान को चला जाता था, जिसकी भरपाई अब तक नहीं हो पाई है। दरअसल, बांग्लादेश में गैस की कीमतों में दोगुनी वृद्धि और डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये के अवमूल्यन के कारण बांग्लादेश को यह नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं, पिछले कुछ समय से देश में राजनीतिक अस्थिरता और औद्योगिक क्षेत्र में श्रमिकों की अशांति के कारण बांग्लादेश वैश्विक मांग को पूरा नहीं कर पा रहा है।
बांग्लादेश पिछले दो सालों से बिजली संकट और गैस आपूर्ति की कमी की समस्या से जूझ रहा है, वहीं अगस्त के पहले हफ्ते में हुए तख्तापलट ने बांग्लादेश के कपड़ा उद्योग की हालत खराब कर दी है। दूसरी ओर, मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने भारत को तेवर दिखाकर एक और जोखिम उठाया है। अभी तक बांग्लादेश की बिजली की जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा भारत से पूरा होता था, लेकिन अडानी समूह समेत भारत के कई बिजली संयंत्रों ने इस आपूर्ति में कटौती कर दी है, क्योंकि बांग्लादेश सरकार ने हजारों करोड़ रुपये का बकाया नहीं चुकाया है। वहीं, पिछले साल फरवरी में बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने गैस की कीमत में करीब 150 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। सरकार ने गैस की कीमत 11.98 टका प्रति यूनिट से बढ़ाकर 30 टका कर दी थी।
हसीना सरकार के इस फैसले से टेक्सटाइल सेक्टर में उत्पादन लागत में अभूतपूर्व वृद्धि हुई, जिसके कारण प्रमुख टेक्सटाइल निर्यातकों ने वर्क ऑर्डर लेना कम कर दिया, जिसके कारण वर्क ऑर्डर का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान की ओर चला गया।
बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता भी टेक्सटाइल उद्योग को संकट से उबारने में बड़ी बाधा साबित हो रही है। देश में मौजूदा हालात, सुरक्षा की कमी और अशांति के कारण बांग्लादेश में अमेरिकी ब्रांडों का भरोसा कम हुआ है और मौजूदा हालात में इसमें कोई बड़ा बदलाव होने की उम्मीद कम ही है।
स्टेटिस्टा के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान दुनिया का 7वां सबसे बड़ा कपास उत्पादक देश है। इसके अलावा, पाकिस्तान को यूरोपीय संघ की जीएसपी+ (सामान्यीकृत वरीयता स्थान योजना) की श्रेणी में रखा गया है, जबकि बांग्लादेश को केवल मानक जीएसपी सुविधा प्राप्त है। 2014 से जीएसपी+ के कारण ईयू को पाकिस्तान के निर्यात में वृद्धि हुई है, 2014 से 2022 तक पाकिस्तान के निर्यात में 108 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि ईयू से पाकिस्तान में आयात में 65 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
इसके अलावा, पाकिस्तान को कपास आसानी से उपलब्ध है, जबकि बांग्लादेश को अपनी मांग का 98 प्रतिशत आयात करना पड़ता है। यही कारण है कि अगस्त में पाकिस्तान का कपड़ा निर्यात 26 महीने के रिकॉर्ड पर पहुंच गया। अगस्त में पाकिस्तान ने 1.64 बिलियन डॉलर का कपड़ा निर्यात किया, जो पिछले साल की तुलना में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता और चीन पर लगाए गए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का पाकिस्तान को सीधा फायदा हो रहा है।
उत्पादन लागत बढ़ने से हुआ नुकसान बांग्लादेश की कपड़ा मिल लिटिल ग्रुप के चेयरमैन खुर्शीद आलम का कहना है कि बड़े वर्क ऑर्डर पाकिस्तान शिफ्ट होने से बांग्लादेश के स्थानीय कपड़ा निर्यातकों को भारी नुकसान हुआ है। खुर्शीद आलम के मुताबिक गैस की कीमतों में बढ़ोतरी से पहले जो वर्क ऑर्डर मिलते थे, वे कम लागत के कारण मिलते थे। लेकिन गैस की कीमतों के दोगुना होने से अगर किसी कंपनी की मासिक लागत 68 करोड़ टका थी, तो वह सीधे बढ़कर 126 करोड़ टका हो गई। जिसके कारण स्थानीय कारोबारियों ने कुछ समय के लिए ऑर्डर लेना बंद कर दिया, जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय ब्रांड और ऑर्डर पाकिस्तान की ओर शिफ्ट हो गए।
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