India News (इंडिया न्यूज),Pakistan:9 नवंबर को क्वेटा के रेलवे स्टेशन पर एक बड़ा आत्मघाती हमला हुआ। इसका निशाना पाकिस्तानी सेना थी, जो इन्फैंट्री स्कूल से ट्रेनिंग कोर्स पूरा करने के बाद जफर एक्सप्रेस से यात्रा करने जा रही थी। ट्रेन 9 बजे आनी थी, लेकिन उससे पहले ही एक बड़ा आत्मघाती हमला हो गया और उस हमले में दो दर्जन से ज्यादा सैनिक मारे गए। इस हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली और इसका श्रेय मजीद ब्रिगेड के आत्मघाती हमलावरों को दिया और पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने की जमीन ZIRAB (जेफिर इंटेलिजेंस रिसर्च एंड एनालिसिस ब्यूरो) की खुफिया विंग ने तैयार की। इस हमले से कुछ दिन पहले पहली बार बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने आधिकारिक तौर पर अपने खुफिया विंग के नाम की घोषणा की। इस विंग ने हमले के लिए वह दिन चुना, जब करीब 200 पाकिस्तानी सेना के सैनिक क्वेटा रेलवे स्टेशन पर मौजूद थे।
इस आत्मघाती हमले के बाद बीएलए ने खुद एक बयान जारी किया। इस विंग ने घटना को अंजाम देने के लिए पूरी रेकी की थी। उस इलाके में सेना की हरकत पर नजर रखी गई और आंतरिक और बाहरी स्रोतों से इसकी पुष्टि की गई। उन्हें पता था कि पाकिस्तान की अलग-अलग रेजिमेंट के सैनिक क्वेटा के इन्फैंट्री स्कूल से अपना कोर्स पूरा करके लौटने वाले हैं। यहां तक कि 8 नवंबर को किया जाने वाला हमला भी एक दिन की देरी से 9 नवंबर को किया गया। इसके अलावा पिछले महीने कराची में चीनी नागरिकों पर हुए आत्मघाती हमले की प्लानिंग भी जिर्ब इंटेलिजेंस विंग ने ही की थी। उन्हें पूरी जानकारी थी कि चीनी इंजीनियर और निवेशक कराची एयरपोर्ट से लौट रहे हैं। इसके अलावा 6 नवंबर को बलूचिस्तान के नुश्की जिले में सुरक्षा बलों पर हमला और 4 नवंबर को कादरीबाद में आतंकी हमला भी इसी जिर्ब विंग ने अंजाम दिया था।
बीएलए इसी तरह के दर्जनों हमले कर रहा है और ये पिन प्वाइंट हमले पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और चीन के लिए काफी परेशानी भरे हैं। बीएलए पहले से ही धमकी दे रहा है कि जब तक चीन बलूचिस्तान से नहीं निकल जाता, तब तक वह बलूचिस्तान में चीनी नागरिकों को निशाना बनाएगा और ऐसे हमलों का दायरा सिर्फ बलूचिस्तान में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान के दूसरे प्रांतों में भी जारी रहेगा। पाकिस्तान के अपने थिंक टैंक भी मानते हैं कि युद्ध के कारण बलूच इंटेलिजेंस ज्यादा ताकतवर हो गया है। पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कराची में चीनी नागरिकों पर ZIRAB के हमले ने BLA की खुफिया क्षमताओं को उजागर कर दिया है।
बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना ने जिस तरह से अपना उत्पात मचाया, वह पूरी दुनिया के सामने है और अब जब बलूच विद्रोहियों ने उत्पात मचाना शुरू किया, तो वह भी सामने आ गया है। तकनीक के युग में BLA ने भी खुद को अपग्रेड किया और किसी भी देश की सेना की तरह अपनी खुफिया विंग बनाई। BLA की ओर से ZIRAB की आधिकारिक घोषणा के दौरान कहा गया कि ZIRAB (जेफिर इंटेलिजेंस रिसर्च एंड एनालिसिस ब्यूरो) बलूच लिबरेशन आर्मी की एक संगठित और समन्वित खुफिया विंग है जिसमें सैकड़ों पेशेवर, शोधकर्ता, मुखबिर, आईटी विशेषज्ञ, डेटा विश्लेषक और जांचकर्ता शामिल हैं और बलूचिस्तान के सभी बड़े और छोटे शहरों में ZIRAB की गुप्त सेल स्थापित की गई हैं। BLA के ये मूक सैनिक दुश्मन के सभी प्रतिष्ठानों में घुसपैठ करने में सफल रहे हैं।
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