होम / Jharkhand News: झारखंड सरकार के अधिकारियों को सता रहा ये डर, मिली गोपनीय चिट्ठी

Jharkhand News: झारखंड सरकार के अधिकारियों को सता रहा ये डर, मिली गोपनीय चिट्ठी

Rajesh kumar • LAST UPDATED : January 10, 2024, 10:00 am IST

India News (इंडिया न्यूज़),Jharkhand News: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए जांच एजेंसियों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। राज्य सरकार ने आदेश जारी किया है कि अगर किसी भी अधिकारी को किसी भी केंद्रीय जांच एजेंसी से नोटिस मिलता है और किसी भी तरह के दस्तावेज मांगे जाते हैं, तो उन्हें जांच से संबंधित दस्तावेजों का सीधे जवाब नहीं देना चाहिए, बल्कि इसे संज्ञान में लाना चाहिए। सरकार अपने विभाग के माध्यम से कहा।

झारखंड सरकार ने अपने अधिकारियों को दिया निर्देश

एक तरफ जहां झारखंड में कई अलग-अलग घोटालों को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसियों सीबीआई और ईडी की जांच तेज हो गई है, वहीं इसके उलट राज्य सरकार की ओर से झारखंड के अधिकारियों को जारी किया गया नया आदेश एजेंसियों के लिए मुसीबत बन सकता है। झारखंड के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव ने राज्य में ईडी/सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा चल रही जांच को लेकर झारखंड राज्य के अधिकारियों को एक गोपनीय पत्र लिखा है और केंद्रीय जांच एजेंसियों के नोटिस का सीधे जवाब देने का आदेश जारी किया है। एजेंसियां और जांच से जुड़े दस्तावेज़। न दें, बल्कि अपने विभाग के माध्यम से सरकार को इसकी जानकारी दें। यह पत्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुख्य सचिव वंदना डाडेल ने इसी साल 9 जनवरी को लिखा है, जिसमें कैबिनेट सचिवालय और निगरानी विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है।

जारी आदेश में लिखा ये बात

अधिकारियों को जारी इस गोपनीय पत्र में वंदना डाडेल ने लिखा है कि पिछले कुछ समय से राज्य के बाहर की केंद्रीय जांच एजेंसियां सरकार के सक्षम प्राधिकारी (कोई व्यक्ति या संगठन जिसके पास कानूनी क्षमता है) को लिखे बिना सीधे अधिकारियों की जांच कर रही हैं। संबंधित मामले में निर्णय लें)। नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाती है। वह सरकारी दस्तावेज भी मांगती है। ऐसे मामलों में अधिकारी मामले को वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाए बिना ही जांच में लग जाते थे और सरकारी दस्तावेज इन जांच एजेंसियों को सौंप देते थे, जो गलत है। दी गई जानकारी अधूरी या गलत होने की संभावना है, जिससे भ्रम पैदा होगा।

अब क्या होगी प्रक्रिया?

आदेश में कहा गया है कि इन जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करने और सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए एक आवश्यक प्रक्रिया बनाई जा रही है। राज्य सरकार का अपना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो यानी एसीबी है जो सतर्कता विभाग के अधीन है। इसलिए, राज्य सरकार के बाहर की एजेंसियों द्वारा मांगी गई जानकारी सतर्कता विभाग को उपलब्ध कराने के लिए कैबिनेट सचिवालय और सतर्कता विभाग को नोडल विभाग बनाया जा रहा है। मतलब, अगर केंद्रीय जांच एजेंसियां कोई जानकारी मांगती हैं तो पहले हर अधिकारी को अपने विभाग प्रमुख को जानकारी देनी होगी और विभाग प्रमुख को नोडल एजेंसी यानी कैबिनेट सचिवालय और सतर्कता विभाग को जानकारी देनी होगी। दोनों विभाग मांगी गई जानकारी के संबंध में कानूनी सलाह लेंगे और उसके अनुसार केंद्रीय जांच एजेंसियों को जानकारी दी जाएगी।

सीएम सोरेन को सात बार समन जारी कर चुकी है ईडी

हालांकि, झारखंड सरकार की ओर से जारी इस नए आदेश से यह माना जा रहा है कि अधिकारियों ने जांच में सहयोग करने से साफ इनकार कर दिया है, क्योंकि ईडी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए 7 बार बुलाया है, लेकिन उन्होंने अब तक ऐसा नहीं किया है। अब तक सामने नहीं आये। ऐसे में यह नया आदेश केंद्रीय जांच एजेंसी और राज्य सरकार के बीच नया विवाद पैदा कर सकता है। केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने झारखंड में चल रहे अलग-अलग मामलों में अब तक दो आईएएस अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। लेकिन, अब यह नया आदेश केंद्रीय जांच एजेंसियों के लिए जांच में बाधा जरूर पैदा करेगा।

यह भी पढ़ेंः-

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.