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स्कूलों में यौन शिक्षा अनिवार्य करने वाली याचिका पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने नोटिस जारी किया

Roshan Kumar • LAST UPDATED : July 30, 2022, 6:46 pm IST

इंडिया न्यूज़ (जयपुर):राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ में मुख्य न्यायाधीश एस.एस. शिंदे और न्यायमूर्ति अनूप कुमार ढांड ने राज्य में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम, 2012 (पॉक्सो अधिनियम) के तहत गठित विशेष अदालतों की स्थिति की जांच के लिए एक समिति के गठन की मांग वाली एक जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया है.

कुणाल रावत द्वारा दायर जनहित याचिका में यह भी प्रार्थना की गई है कि नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों की समस्या को रोकने के लिए राज्य भर के स्कूलों और आंगनवाड़ियों में यौन स्वास्थ्य के बारे में शिक्षा अभियान अनिवार्य रूप से चलाया जाए.

याचिकाकर्ता ने राजस्थान में पॉक्सो मामलों के शीघ्र निपटान और सबूत जुटाने के काम को शीघ्र खत्म करने के लिए निर्देश की भी मांग थी.

इसके अलावा,यह सुनिश्चित करने के लिए कि बच्चा/पीड़ित कोर्ट में सुरक्षित और सहज महसूस करता है,किसी भी तरह से आरोपी के बारे में बताने में हिचक महसूस नही करे,यह सुनिश्चित करने के लिए अदालतों में बाल अनुकूल प्रथाओं को अपनाने के निर्देश के लिए याचिका प्रार्थना करती है,इसके अलावा याचिका में बच्चे की परीक्षा के समय माता-पिता या किसी अन्य व्यक्ति की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की प्रार्थना की गई है,जिस पर बच्चे का भरोसा या विश्वास है.

याचिका में यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई है कि बच्चे/पीड़ित का बयान तेजी से दर्ज किया जाए,बार-बार अदालत में नहीं बुलाया जाए,क्योंकि इससे पीड़ित/ बच्चे को आघात पहुँचता है.

याचिकाकर्ता के वकील में राधिका महरवाल,धृति शर्मा और आराधना स्वामी शामिल हैं,जबकि प्रतिवादियों के वकील में सौरभ शर्मा और राहुल सेहरा के साथ एएजी गणेश मीणा शामिल हैं,याचिकाकर्ता व्यक्तिगत रूप से भी अदालत में पेश हुआ.

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