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इंडिया न्यूज।
3 tips children improve life: दस साल की आयु में बच्चे को अच्छी बातें बताना बहुत जरूरी है।(ase) बढ़ती उम्र में कई ऐसी बातें होती हैं, जो बच्चा घर से ही सीखता है। माता-पिता द्वारा बताई गई बातें उन्हें बाहरी दुनिया में भी एक अच्छा इंसान बनने में मदद करती हैं। इतना ही नहीं, जब आप बच्चे को कोई बात बताते या समझाते हैं तो आपको यह भी समझना चाहिए कि उसकी उम्र कितनी है।(children tips)
हर किसी का सम्मान करना
आपने अक्सर पैरेंट्स को यह कहते हुए सुना होगा कि वह लड़की है, तुम्हें उसकी रिसपेक्ट करनी चाहिए। लेकिन वास्तव में आपको उसे यह नहीं समझाना चाहिए, बल्कि उसे यह सिखाना चाहिए कि उसे लड़कियों और लड़कों दोनों का सम्मान करना चाहिए। वे बराबर हैं। कभी भी बच्चे को लिंग के आधार पर दूसरों की रिसपेक्ट करना ना सिखाएं। जिस तरह एक लड़की को सम्मान मिलना चाहिए, ठीक उसी तरह लड़का भी उस सम्मान का अधिकार है। इतना ही नहीं, बचपन से यह लिंग भेद की भावना आगे चलकर उसे परेशान कर सकती है। बड़े होकर अक्सर लड़के अधिक रफ एंड टफ होने का दिखावा करते हैं। इतना ही नहीं, इमोशनल होने या रोने को पुरूषों की भावनाओं की अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि उनकी कमजोरी समझा जाता है। इसलिए बचपन से ही बच्चे को बराबरी का पाठ सिखाएं।
चाहे लड़की हो या लड़का, पैरेंट्स को हर बच्चे को दस साल की उम्र में उनके शरीर का बेसिक ज्ञान अवश्य देना चाहिए। यह एक ऐसी उम्र है, जब बच्चा तेजी से बड़ा होता है। आपको ना केवल उन्हें गुड टच व बैड टच के बारे में बताना चाहिए। बल्कि पर्सनल हाइजीन से जुड़ी कुछ बातें भी उनसे जरूर साझा करनी चाहिए। आप इसके लिए कुछ वीडियोज आदि का सहारा भी ले सकते हैं।(इन बातों का रखें ध्यान, बच्चे नहीं होंगे एनीमिक)
कभी-कभी माता-पिता बच्चे के ग्रेड या मॉर्क्स से काफी नाराज हो जाते हैं जो उनकी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरते। हालांकि, एक अच्छा ग्रेड हमेशा अच्छी नॉलेज होने का साइन नहीं है। आपको अपने बच्चे को सिखाना चाहिए कि नॉलेज ग्रेड से ज्यादा महत्वपूर्ण है। आपको उन्हें बताना चाहिए कि वह हमेशा कुछ नया सीखने की कोशिश करें और अपने ज्ञान को बढ़ाएं। यहां तक कि, अगर उनसे कोई गलती भी हो तो भी उन्हें इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हर गलती उन्हें कुछ नया सिखाती है।
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