संबंधित खबरें
शेख हसीना की तरह पाकिस्तान का कोई भी नेता भागकर आ सकता है भारत? हैरान करके रख देंगे नियम
क्या वाकई में कोर्ट रूम में गीता पर हाथ रखकर खाई जाती है कसम? जानिए, फिल्मों से कितनी अलग होती है सच्चाई
आसमान से बरसेंगे आग के गोले, 2025 में आकर रहेगी ऐसी आफत, अभी से ही कांप उठी वैज्ञानिकों की आत्मा
अगर आपके भी आधार कार्ड में है गड़बड़ी, तो इस तारीख तक करा लें अपडेट, वरना फिर उठाना पड़ेगा नुकसान!
वो पेंटिंग जिसे खरीदते ही डर से थर-थर कांपने लगते हैं लोग, खरीददार को भी बेचने पर कर देती है मजबूर
टोपियों के ऊपर बटन क्यों होता है और इसे क्या कहते हैं? 90 फीसदी लोग नहीं दे पाएंगे इसका जवाब
Brain Eating Amoeba: कोरोना ने एक बार फिर से दुनिया के कई हिस्सों में कहर मचाना शुरू कर दिया है, तो वहीं अब दूसरी बीमारी के कारण दुनिया दहशत में है। दरअसल, दक्षिण कोरिया में ब्रेन टिंग अमीबा से हुई पहली मौत ने हड़कंप मचा दिया है। ये बीमारी नेगलेरिया फाउलेरी (Naegleria Fowleri) नाम के अमीबा से होती है जो सीधे दिमाग को खाने लगता है। इसलिए इसे मस्तिष्क को खाने वाला अमीबा कहा गया हैं।
आपको बता दें कि दिमाग को खाने वाले इस अमीबा से दक्षिण कोरिया में 50 साल के एक व्यक्ति की मौत हो गई है। अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक नेगलेरिया फाउलेरी एककोशीय अमीबा है, जो मिट्टी और साफ गर्म पानी जैसे कि झील, नदी, झरना इत्यादि में रहता है।
नेगलेरिया फाउलेरी मनुष्य की नाक के जरिए दिमाग में घुस जाता है। पहले भी इसके बहुत कम ही मामले सामने आए हैं। बता दें कि इस अमीबा से हुए संक्रमण का पहला मामला अमेरिका में 1937 में आया था। नेगलेरिया फाउलेरी अमीबा नाक के जरिए दिमाग में पहुंचकर टिशूज को खाने लगता है, इसलिए इसका संक्रमण जानलेवा होता है। यह अमीबा तेजी से अपना स्वरूप बदल लेता है।
मनुष्य तब नेलगेरिया फाउलेरी अमीबा के संपर्क में आता है जब वो ऐसी जगहों पर नहाता है जहां इस अमीबा की मौजूदगी है। अगर ये अमीबा नाक में घुस गया, तभी ब्रेन ईटिंग अमीबा का संक्रमण होता है।
एक वेबसाइट के मुताबिक बताया गया कि जैसे ही नेलगेरिया फाउलेरी अमीबा इंसान के शरीर में घुसता है, इसके 1 से 12 दिनों के अंदर लक्षण दिखने शुरू होते हैं। ये लक्षण वैसे ही दिखते हैं जैसे बैक्टीरियल इंफेक्शन मिनीनजाइटिस में दिखते हैं। शुरुआत में सिरदर्द, बुखार और जी मिचलाने जैसी समस्या होती है। इसके बाद गर्दन अकड़ जाती है और पूरी तरह से कोमा में भी मरीज जा सकता है।
डॉक्टर कई दवाइयों को एक साथ मिलाकर मरीज को देते हैं लेकिन दुर्लभ मामलों में बचने की संभावना बहुत कम ही होती है। इसलिए एक्सपर्ट का कहना है कि जहां ये बीमारी फैली है, वहां के सार्वजनिक पानी में तैरने या इसका इस्तेमाल करने से बचें।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.