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इंडिया न्यूज (Health Care With Garden)
बागवानी जितना दिखने में आसान लगती है लेकिन उसके छोटे-छोटे कामों में भी उतनी ही मेहनत लगती है। वहीं बुजुर्गों की शारीरिक क्षमता घटती जाती है और अधिक आराम की आवश्यकता होती है। लिहाजा इस उम्र में बागवानी के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखना भी जरूरी है। ऐसे में यदि घर में बुजुर्ग हैं और बागवानी में दिलचस्पी रखते हैं तो इन बातों का ध्यान रखें।
बागवानी के लिए सही समय चुनना भी जरूरी है। सुबह सूरज निकलने से पहले का समय उत्तम है। यदि सुबह का समय आपके अनुसार उचित नहीं है तो ऐसा स्थान चुनें जहां छाया हो और तापमान संतुलित हो। ऐसे स्थानों पर रोशनी का ध्यान रखना भी जरूरी होगा।
बागवानी में मिट्टी खोदने या मिट्टी के साथ खाद मिलाने में मेहनत लगती है। ऐसे में सारे काम खुद करने के बजाय किसी की मदद लें। परिवार में बच्चों को अपना साथी बनाएं। गमले उठाना, मिट्टी खोदना, पानी उठाना, गमलों को व्यवस्थित करना जैसे कामों को स्वयं करने के बजाय उनकी मदद लें।
जब भी आंगन या बालकनी में बैठकर बागवानी करें तो त्वचा की सुरक्षा का भी ध्यान रखें। धूप और उसकी तपन से बचने के लिए हल्के कपड़े पहनें जो त्वचा को पूरी तरह से ढक सकें। सनस्क्रीन लगाना न भूलें। टोपी पहनें ताकि सिर और चेहरा भी सुरक्षित रहे। अगर हो सके तो सूजन की रोशनी से आंखों को बचाने के लिए सनग्लासेस पहनें। हाथों में गार्डनिंग वाले दस्ताने और पैरों में जूते पहनना न भूलें। जूते पहनने से चलने या मुड़ने में आसानी होगी। इसके अलावा शरीर को ठंडा रखने के लिए ठंडे पानी में भीगा तौलिया भी उपयोग कर सकते हैं ताकि शरीर को गर्मी से बचा सकें।
बुजुर्गों को हमेशा पैर के जोड़ों में दर्द की समस्या रहती है और झुकने में परेशानी होती है इसलिए यहां ध्यान देने की आवश्यकता है। यदि गमलों में पौधे लगा रहे हैं तो इन्हें किसी टेबल या बैंच पर रखें। फिर कुर्सी में बैठकर काम करें। यदि जमीन पर बागीचा है तो फर्श पर घुटनों से टिककर बैठने के बजाय चटाई पर आराम से बैठें।
लगातार काम करने के बजाय अंतराल में काम करें। दस मिनट काम करें, फिर कुछ मिनट आराम कर लें। लगातार काम करने की कोशिश करेंगे तो इससे चोट लगने की आशंका हो सकती है। फर्श पर मिट्टी और पानी गिरने से फिसलन हो सकती है इसलिए अधिक चलने के बजाय, बैठकर काम करने की कोशिश करें। साथ ही जूते ऐसे पहनें जिनमें फिसलने की आशंका न हो।
इस उम्र में अधिक झुकना या सामान उठाना सही नहीं है इसलिए वर्टिकल गार्डन का चुनाव कर सकते हैं। इसमें न तो झुकने की आवश्यकता होगी और न ही बार-बार उठने-बैठने की। खड़े होकर या बैठकर इस पर पौधे लगाए जा सकते हैं। वहीं छोटी-सी ट्रॉली में सारे टूल्स, गमले या मिट्टी रखकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा सकते हैं। इससे काफी सहूलियत रहेगी।
जैसे जैसे उम्र बढ़ती है हाथों की पकड़ कमजोर हो जाती है। ऐसे में बागवानी के टूल पकड़ने से बुजुर्गों के हाथों में दर्द होता है या उन्हें ठीक से पकड़ने में समस्या होती है। लिहाजा टूल्स ऐसे चुनें जिनका वजन कम हो और हैंडल पर रबर लगा हो ताकि पकड़ने में सहूलियत रहे।
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