संबंधित खबरें
Delhi Railway News: ट्रेन यात्रियों के लिए बड़ी खबर, कोहरे के कारण इतने दिन तक बंद रहेंगी दिल्ली-हरियाणा की 6 ईएमयू ट्रेनें
UP By-Election Results 2024 live: यूपी में 9 सीटों पर उपचुनाव की वोटिंग जारी, नसीम सोलंकी की जीत तय
Bihar Bypolls Result 2024 Live: बिहार की 4 सीटों पर मतगणना शुरू! सुरक्षा पर प्रशासन की कड़ी निगरानी
Maharashtra-Jharkhand Election Result Live: महाराष्ट्र में महायुति तो झारखंड में JMM गठबंधन सरकार बनाने की तरफ अग्रसर, जानें कौन कितने सीट पर आगे
मातम में बदलीं खुशियां, नाचते- नाचते ऐसा क्या हुआ शादी से पहले उठी…
नाइजीरिया में क्यों पीएम मोदी को दी गई 'चाबी'? क्या है इसका महत्व, तस्वीरें हो रही वायरल
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
New Research Revealed: आज के समय में महिलाएं कई क्षेत्रों में पुरुषों से आगे हैं। बैंकों से कर्ज लेने के मामले में महिला ग्राहकों की संख्या पुरुषों के मुकाबले तेजी से बढ़ रही है। इसी बात को लेकर दो अलग-अलग रिसर्च हुई। इसमें खुलासा हुआ कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को कर्द देना ज्यादा सही रहता है। क्योंकि वे समय पर कर्ज वापस तो करती हैं।
बता दें कि सीआईआरएफ हाइमार्क और ट्रान्स यूनियन सीआईबीआईएल की रिसर्च सामने आने के बाद अब कर्जदाताओं का भरोसा महिलाओं पर और भी बढ़ सकता है। तो आइए जानते हैं पिछले पांच सालों में महिला कर्जदारों का रिकॉर्ड कितना हुआ।
बैंक भी महिलाओं को कर्ज देने में ज्यादा रुचि दिखाते हैं। ट्रान्स यूनियन की रिसर्च मुताबिक, पिछले पांच वर्षों में महिला कर्जदारों की संख्या 19 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी है। जबकि इसी अवधि में पुरुष कर्जदारों की संख्या केवल 14फीसदी की रफ्तार से बढ़ी है। बताया जाता है कि 2021 में कोरोना महामारी के बाद भी देश में कर्ज लेने वाली महिलाओं की संख्या में 11 फीसदी का इजाफा हुआ। पुरुषों के लिए यह आंकड़ा मात्र 6 फीसदी रहा।
महिलाएं केवल कर्ज लेने में ही नहीं बल्कि चुकाने के मामले में भी पुरुषों से बेहतर हैं। ट्रान्स यूनियन की रिसर्च बताती है कि 6.9 फीसदी पुरुष लोन चुकाने में 90 दिन से ज्यादा की देरी करते हैं। जबकि इसके मुकाबले केवल 5.2 फीसदी महिलाएं ही ऐसा करती हैं। महिलाओं का एवरेज क्रेडिट स्कोर भी पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होता है।
ट्रान्स यूनियन के चीफ आॅपरेटिंग आॅफिसर का कहना है कि महिलाओं का कर्ज लेना देश की इकोनॉमी और सामाजिक विकास के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की दिशा में यह सही संकेत है।
देश में महिलाएं गोल्ड लोन, कंज्यूमर लोन और पर्सनल लोन लेना ज्यादा पसंद करती हैं। हालांकि, रिसर्च से पता चला है कि पिछले 5 सालों में महिलाओं की ओर से लिए जाने वाले कर्ज की एवरेज रकम में कमी हुई है। 2016 में एक महिला एवरेज 1,48,700 रुपए का लोन ले रही थी। लेकिन 2021 में यह रकम घटकर 1,45,600 रुपए हो गई।
New Research Revealed
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.